
बिहार की सियासत चुनाव के नजदीक आते आते न सिर्फ बेहद दिलचस्प होती जा रही है बल्कि रोज नए मोड़ आते दिख रहे हैं। हाल ही में आरजेडी को झटका देने वाले आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को जोर का झटका लगा है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने अपनी पार्टी को न सिर्फ अलविदा कर दिया है बल्कि आरजेडी ज्वाइन कर ली है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह की मौजूदगी में भूदेव चौधरी ने आरजेडी की सदस्यता ली। हाल ही में महागठबंधन से अलग रास्ता तलाशने के फैसला कर चुकी आरएलएसपी के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
दरअसल आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों राजनीतिक विकल्प तलाश रहे हैं। चर्चा है कि वो एनडीए के दामन थामने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आरएलएसपी की बैठक में तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में लौटेंगे। हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। और माना जा रहा है कि अभी तक दोनों में बातचीत का दौर जारी है और सहमति नहीं बनी है।
उपेंद्र कुशवाहा का आरजेडी से मोह भंग होने के बाद तेजस्वी यादव ने पूर्व सांसद भूदेव चौधरी को अपनी पार्टी में शामिल करके साफ कर दिया है कि राजनीति में सब जायज़ है और बिहार चुनाव में अभी कई रंग अभी दिखने बाकी हैं। भूदेव चौधरी 2019 लोक सभा चुनाव में RLSP के जमुई से प्रत्याशी थे, लेकिन चिराग पासवान को हरा नहीं पाए थे। कुशवाहा ने भूदेव चौधरी पर भरोसा करते हुए उन्हें दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कुशवाहा को बड़ा झटका देते हुए चौधरी ने आरजेडी का दामन थाम लिया है।
हालांकि अभी भी कुशवाहा अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। मीडिया में चल रही गठबंधन की चर्चाओं को उन्होंने गलत बताते हुए कहा था कि गठबंधन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि मैं जब दिल्ली में था तब मीडिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने की बातें सामने आ रही थी। वहीं, जब मैं पटना में था तब बीजेपी बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की खबरें आ रही थीं।
वहीं कुशवाहा ने संभावनाओं को खारिज़ नही किया है। और कहा कि गठबंधन के फैसले के लिए पार्टी के नेताओं ने मुझे अधिकृत किया है, हम इसपर जल्द ही निर्णय लेंगे। सभी के हित को देखते हुए कोई भी फैसला लिया जाएगा।