महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को अपने करियर के टर्निंग पॉइंट को याद करते हुए कहा कि ‘1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में भारत के लिए पारी का आगाज करने के लिए उन्हें विनती करनी पड़ी थी।’ उन्होंने आगे कहा कि मध्यक्रम की बल्लेबाजी से हटकर पारी का आगाज करना मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ था।
गुरुवार को एक वीडियो साझा करते हुए सचिन ने कहा ‘1994 में जब न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आयी थी, तब टीम की मंशा था कि विकेट को बचाकर रखा जाए। मैंने पारी का आगाज किया और खुल के बल्लेबाज़ी की। मैंने टीम के बिपरीत खेलना पसंद किया था जिसका मुझे फायदा भी मिला। रणनीति विकेट बचाकर नहीं बल्कि आगे बढ़कर प्रतिद्वंदी गेंदबाजों का डटकर सामना करने का था। मुझे बस एक मौका की तलाश था। जिसका मैंने भरपूर फायदा उठाया। हां यह बात जरूर है कि मुझे पारी की आवाज करने के लिए विनती करनी पड़ी कि कृपया मुझे मौका दो… अगर मैं विफल रहूंगा तो फिर मैं आपके पास नहीं आऊंगा।’
अपने इस कदम को उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल करते हुए 40 वर्षीय सचिन ने अपने प्रशंसकों से आग्रह किया कि विफलता के डर से जोखिम लेने से मत डरो। जानकारी के लिए आपको बता दें कि जब सचिन तेंदुलकर ने पारी की आगाज की तब बतौर ओपनर उन्होंने 49 गेंद में 82 रन ठोके थे। न्यूजीलैंड ने 49.4 ओवर में 142 रन बनाए। जबकि भारतीय टीम ने 23.2 ओवर में 143 रन पर 3 विकेट खोकर 7 विकेट से मैच जीत लिया था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर अपने आक्रमणकारी तेवर के चलते Man of the match बने थे।
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