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मीडिया में ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल पर पुनर्विचार करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक बहस में मीडिया द्वारा उपयोग करने वाले शब्द दलित ’पर प्रतिबंध लगाने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय (2018 में जारी) के मीडिया सलाहकार को चुनौती देने वाले लोगों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

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आपको बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद सुचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवायजरी जारी किया था। जिसमें कहा गया कि मीडिया में दलित शब्द के इस्तेमाल से परहेज किया जाए। जिसके बाद केंद्रीय राज्य सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री रामदास अठावले ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को नकारते हुए कहा था कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया मीडिया में दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।


उनका मानना था कि दलित अपमानजनक शब्द नहीं है, इसके इस्तेमाल पर रोक लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि दलित समुदायों के लिए महात्मा गांधी ने हरिजन शब्द का ईजाद किया था। हरिजन शब्द से भी समस्या थी अगर उसे बैन नहीं किया गया तो दलित शब्द को क्यों बैन किया जाए। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय को उपेक्षित भी किया जाता है और हरिजन भी कहा जाता है।

बता दें कि इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी जिसके मुताबिक निजी टीवी चैनलों को ‘दलित’ शब्द के प्रयोग से बचने को कहा गया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट के द्वारा एक फैसला लिया गया था जिसे देखते हुए इस एडवाइजरी को जारी किया गया था।

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मंत्रालय ने कहा था कि अनुसूचित जाति के लोगों के बारे में जिक्र करते समय दलित शब्द के प्रयोग से परहेज करें।
बीते 7 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जून में मंत्रालय को एक निर्देश जारी किया था। जिसके मुताबिक अनुसूचित जातियों के लिए दलित शब्द के प्रयोग करने से पहले सोचने-विचारने को कहा गया था। इसी के तहत मंत्रालय ने ये एडवाजरी जारी की थी। मंत्रालय को पंकज मेशराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर पीठ के द्वारा ये निर्देश जारी किया गया था।

आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में मध्य प्रदेश की ग्वालियर बेंच ने भी इस बारे में सख्त आदेश दिया था। ग्वालियर बेंच ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा था तो वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे मीडिया में यूज नहीं करने को कहा।

यह भी देखें

https://www.youtube.com/watch?v=zyPJjfeURL8

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