टोक्यो पैरालंपिक के आखिरी दिन में भी भारत ने इतिहास रचा। बैडमिंटन में एक एथलीट कृष्णा नागर को मिला गोल्ड
और इस तरह भारत में टोक्यो पैरालंपिक में जीते गए पदकों की कुल संख्या हुई 19।
बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में यह भारत का पांचवां गोल्ड मेडल है। इससे पहले चार गोल्ड मेडल और भारत की झोली में आए थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो टोक्यो ओलंपिक से बेहतरीन प्रदर्शन टोक्यो पैरालंपिक में की गई है जिसकी वजह से गोल्ड मेडल्स की संख्या पैरालंपिक में अधिक है।
बता दें कि एथलीट कृष्णा नागर तीन गेम तक चले इस मुकाबले को 21-17,16-21, 21-17 से अपने नाम किया। कृष्णा नगर के जीतते ही भारत में पदकों की संख्या 19 हो गई। जानकारी के मुताबिक आईएएस अधिकारी सुहास वाई एल अपना SH4 कैटेगरी का अपना फाइनल मुकाबला हार गए थे लेकिन फिर भी उन्होंने भारत के लिए सिल्वर जीता।
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इस वर्ष प्रथम बार पैरालिंपिक खेलों में बैडमिंटन को स्थान दिया गया था। ऐसे में एक भारतीय खिलाड़ी का बैडमिंटन के खेल में स्वर्ण पदक का जीतना बहुत गर्व की बात है। कृष्णा से पहले प्रमोद भगत ने SL3 कैटेगरी में देश को बैडमिंटन में पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।
वर्तमान समय के पैरालंपिक में भारत ने अब तक 19 पदक जीते हैं। भारत के खजाने में अब कुल 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक हैं। यह पैरालंपिक के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।