सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- पंजाब के संगरूर जिले में 37 वर्षीय एक दलित व्यक्ति की शनिवार सुबह यहां एक अस्पताल में मौत हो गई, जिसे बेरहमी से पीटा गया था और मूत्र पीने के लिए मजबूर किया गया था. पुलिस ने यह जानकारी दी. संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप गर्ग ने बताया, ‘‘उसने पोस्टग्रेजुएट चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में दम तोड़ दिया.’’ उन्हें पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था. उसके पैरों को काटना पड़ा था.
गर्ग ने बताया कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) को जोड़ा गया है. चांगलीवाला गांव के रहने वाले इस दलित व्यक्ति का 21 अक्टूबर को रिंकू नामक व्यक्ति और कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ विवाद हुआ था, लेकिन ग्रामीणों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था.
क्या था दलित का कसूर?
उसने पुलिस को बताया था कि 7 नवंबर को रिंकू ने उसे अपने घर बुलाया और उसने इस मामले को लेकर उससे बहस की. दलित व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उस दौरान चार लोगों ने उसे एक खंभे से बांधकर पीटा और जब उसने पानी मांगा, तो उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया.
पुलिस ने बताया कि चारो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ अपहरण, गलत तरीके से बंदी बनाने और कानून की कई धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत संगरूर के लेहरा पुलिस स्टेशन में मामला किया गया.
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