राजस्थान कोंग्रेस मेन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की नोक झोंक कोई नयी बात नहीं हाई।
इन्हीं तलख़ी के बीच BJP का कुछ ना करना इस बात का संकेत ही है कि BJP की राज्य इकाई में भी सब कुछ ठीक नहीं है।
सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और BJP की राज्य इकाई के बीच काफ़ी विवाद है। बात यह है कि वसुंधरा राजे BJP में अपनी स्थिति को लेकर लगातार असुरक्षा की भावना के प्रभाव में हैं।
हालाँकि उन्होंने खुले तौर पर तो कुछ नहीं कहा पर पर्दे के पीछे से सतीश पुनिया के लिए चुनौती देती रही हैं।
सतीश पुनिया , BJP प्रदेशाध्यक्ष हैं। साथ ही पुनिया मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार हैं।
हालता ये हैं कि वसुंधरा के कथित समर्थकों ने कई जगह वसुंधरा के नाम से BJP के समांतर समर्थन दल भी बना लिए हैं। अब ऐसा स्वयं वसुंधरा के समर्थन और निर्देशन के होना तो असम्भव ही है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंघ शेखावत के साथ भी वसुंधरा के संबंध कुछ ठीक नहीं रह पाए।
कारण चाहे जो भी हों, अगर वसुंधरा राजे जैसे नेता भविष्य के स्थानीय नेतृत्व के लिए मिसाल बनने की जगह आपसी कलह में ना सिर्फ़ पार्टी बल्कि समाज का भी नुक़सान कर रहे हैं।
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