प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर को अहम सौगात दी है। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ की शुरुआत की। साथ ही धुबरी-फूलबारी सेतु की आधारशिला के साथ माजुली सेतु के निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया गया। ‘महाबाहु ब्रह्मपुत्र’ का मकसद भारत के पूर्वी हिस्सों में देश के बाकी राज्यों का संपर्क बढ़ाना है और ब्रह्मपुत्र और बराक नदी के किनारे रहने वालों के लिए इस सुविधा के साथ विकास के एक नए दौर की शुरुआत होगी।
कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं किए गए। यही वजह है कि असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती बनी रही। पीएम मोदी ने कहा कि महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बीते सालों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने की कोशिश की है। पीएम मोदी ने कहा कि असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजीकल और कल्चरल इंट्रीग्रिटी को सशक्त करने का काम लगातार किया जा रहा है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है।
पीएम मोदी ने कहा कि मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का भी तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने वाला है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ शुरु हो गई है।