उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई है।आज से यूपी के बजट सत्र की शुरूआत हो गई है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सदन में 22 फरवरी को साल 2021-22 का बजट पेश करेंगे. बता दें कि ये बजट सत्र 10 मार्च तक प्रस्तावित है. वहीं इस बजट को लेकर सदन में विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है.राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण शुरू होते ही सपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. बजट सत्र के दौरान राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने शानदार काम किया है.राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, “कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है. हमारा देश व प्रदेश भी महामारी की चपेट में आया. किंतु पीएम मोदी के मार्गदर्शन में यूपी सरकार ने कोरोना संकट काल में दृढ़ इच्छा शक्ति, परिपक्वता, संवेदनशीलता के साथ कोरोना संक्रमण को प्रभावित होने से सफलता हासिल की है जिसकी सराहना पीएम मोदी व WHO भी कर चुका है.”
वहीं विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत के पहले दिन, सुबह विधान मंडल के दोनों सदनों के समाजवादी पार्टी के सदस्य गेट नंबर एक से विधान भवन पहुंचे और उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, विधान परिषद में नेता विपक्षी दल अहमद हसन और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की अगुवाई में सदस्यों ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान कुछ सदस्य विधानसभा के गेट पर भी चढ़ गए और जमकर हंगामा किया।
वहीं विपक्ष के हंगामे को लेकर सरकार की तरफ से तीखा वार किया गया है। सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना रवैय्या अख्तियार किया. राज्यपाल के अभिभाषण पर नारेबाजी के साथ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो यहां नही कहे जा सकते. विपक्ष महिलाएं की बात करता. राज्यपाल भी महिला हैं और उनके लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वह गैर जिम्मेदाराना है. विपक्ष को विकास, सुशासन में रुचि होती तो राज्यपाल का अभिभाषण सुनते. महिला राज्यपाल को सम्मान प्रदर्शित करते. सपा, बसपा, कांग्रेस जो किया वो उचित नहीं है. आगे सुरेश खन्ना ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो विकास की नीतियों और योजनाओं का दस्तावेज न सुनना चाहते उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं।