अफगानिस्तान में तालिबानियों की बढ़ती क्रूरता और हाल ही में गुरुवार के दिन हुए बम धमाके को लेकर अमेरिकी सैनिकों ने एक बड़ा कदम उठाया है। काबुल ब्लास्ट का जवाब देने के लिए अमेरिकी सेना ने IS आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की है। जानकारी के मुताबिक मानवरहित विमान से नांगरहार में ISIS-K के ठिकाने पर अमेरिकी सेना ने हवाई हमले किए हैं।
इस बात की पुष्टि की जा रही है कि अमेरिकी सेना ने काबुल ब्लास्ट के साजिशकर्ता को भी चारों खाने चित कर दिया है।
वहीं दूसरी बार होने वाले हमलें की संभावना को देखते हुए एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट से लोगों को हटने के लिए कहा है। वहीं पेंटागन यह दावा कर रहा है कि उसने तय टारगेट को ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि ISIS-K के ठिकाने पर ड्रोन अटैक किया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार के दिन काबुल हवाई अड्डे पर हुए बम धमाके में 169 अफ़गानी और 13 अमेरिकी सैनिकों की
जानें गई। खबरों की माने तो इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ISIS आतंकवादी संगठन ने ली थी। हालांकि 48 घंटों के अंदर ही अमेरिकी सैनिकों ने इस बात का बदला ले लिया है।
काबुल ब्लास्ट पर अमेरिका का कहना था कि हम इस हमले के जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं करेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना था कि अमेरिका इसका बदला जरूर लेगा इसकी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, अभी भी अमेरिका के पास काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत नहीं है।
बताया जा रहा है कि तालिबान ने अमेरिका को 31 अगस्त तक का समय दिया है जिसके अंदर उन्हें अपने सैनिकों को वहां से हटाने को कहा गया है। इतना ही नहीं जिन अमेरिकी सैनिकों को अफगानी लोगों की मदद के लिए भेजा गया था, उनको भी 31 अगस्त तक अमेरिका को निकालने के लिए कहा गया है। तालिबान ने अमेरिका को ये धमकी तब दीं थी, जब एक तरफ वो दुनिया के देशों को सुरक्षा देने की बात कर रहा है और सभी से अपनी एम्बेसी को चालू रखने को कह रहा है।