सेंट्रल डेस्क, फलक इक़बाल:-अयोध्या मामले में केन्द्रीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को याचिका दायर की थी के गैर विवादित 67 एकड़ ज़मीन को उनके मालिकों को लोटा दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार के इस कार्य के बाद AIMIM के अध्यक्ष और सांसद ओवैसी ने बीजेपी के पलटवार में कहा है कि वह अपनी घटती राजनीतिक आधार के चलते अपने देश की न्यायक प्रक्रिया को धमकाना छोड़ दें।
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राम मंदिर विवाद पर ओवैसी बोले, कोर्ट को धमका रही है मोदी सरकार। ओवैसी का कहना है के अपनी राजनितिक गिरावट के चलते मोदी सरकर खुद को उठने के लिए परोक्ष रूप से कोर्ट को धमका रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा है कि, ‘ सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में माना है कि जब तक अयोध्या विवाद का समाधान नहीं हो जाता है तब ये अधिग्रहण की गई अतिरिक्त जमीन पर यथास्थिति बनाए रखनी होगी। इस बात को सरकार भी जानती है।’ AIMIM के अध्यक्ष ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को इस तरह से धमकाना बीजेपी की तेजी से घटती राजनीतिक लोकप्रियता को बचाने का एक विफल प्रयास है।
साथ ही आपको ये भी बता दें कि साल1993 मे तत्कालीन नरसिम्हा राव की सरकार ने अध्यादेश लाकर अयोध्या के विवादित स्थल के आस-पास की 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की याचिका में कहा कि केवल 0.313 एकड़ जमीन ही विवाद है और बाकी की जमीन पर यथास्थिति रखने की आवयशकता नहीं है। ऐसे में हमे लगता है कि गैर विवादित भूमि को उनके मालिकों को लौटाने की अनुमति दे दी जाये ताकि विवादित भूमि तक पहुंचने का रास्ता बनाया जा सके।
केंद्र सरकार ने 1993 में अयोध्या में विवादित स्थल के आसपास की जिस जमीन को अधिग्रहित किया था, उसमें करीब 40 एकड़ जमीन राम जन्मभूमि न्यास की है। ऐसे में इस जमीन को हिंदू पक्षकारों को वापस लौटाने की इजाजत दी जनि चाहिए।