NewsDesk (Geeta Arya)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मोहाली एयरपोर्ट पहुंच कर कहा कि राज्य सरकार एक तरफ दावा करती है कि वह अध्यापकों को नौकरियां दे रहे हैं और 36 हजार कर्मचारियों को पक्का कर दिया है लेकिन बेरोजगार अध्यापक छह महीने पानी की टंकियों पर चढ़े हैं इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार झूठ बोलने की आदी है।
इसका प्रमाण खुद भुक्तभोगी लोग हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि वहं पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के बाहर पहुंचे। ताकि उनके सामने सच्चाई लाई जा सके। दूसरी तरफ आप के वरिष्ठ नेता हरपाल सिह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार केवल झूठे एलान कर रही है। साढ़े चार सालों में कुछ नहीं किया है वही दिल्ली सरकार अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज रही है और चन्नी सरकार पानी के टंकी पर भेज रही है.
पंजाब में सरकार बदलने पर ही ठीक होंगी समस्या – केजरीवाल
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं। आज उनकी अब तक की गईं घोषणाओं की सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि न तो लोगों के बिजली के बिल माफ हुए और न ही किसी को पक्के मकान मिले। हालात यह है कि लोग धक्के खाने को मजबूर है। और सरकार की तरफ से कोई सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आने पर ही लोगों की दिक्कते दूर होगी।
केजरीवाल ने मोहाली के फेज-आठ स्थित पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के बाहर आंदोलनरत किसानों के धरने पर पहुंच कर अध्यापकों की समस्याओं को सुना। और धरना स्थल पर उनके साथ सांसद भगवंत मान, जरनैल सिह, हरपाल सिंह चीमा, विनीत वर्मा समेत कई नेता मौजूद रहे वही दूसरी ओर पुलिस का पहरा भी सख्त है। हालांकि काफी संख्या में धरनास्थल पर लोग मौजूद हैं। इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट रोड पर पानी की टंकी पर संघर्ष कर रहे अध्यापकों से भी मुलाकात कर बेरोजगारों अध्यापकों से नीचे उतरने की अपील की।
इसके बाद एक महिला अध्यापक ने कहा कि जब तक उनका मामला हल नहीं होगा, तब तक वह नीचे नहीं आएंगे। इस पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उनके परिवारों की चिंता है। उनकी सरकार आने पर दिल्ली की तरह अध्यापकों के सारे मामले हल कर दिए जाएंगे। महिला टीचर ने आगे कहा उसकी शादी को छह महीने हुए हैं। उसने अपना करवा चौथ से लेकर दिवाली तक पानी की टंकी पर मनाई है। इसके बाद केजरीवाल ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से तुरंत मेरिट लिस्ट जारी करने की अपील की
केजरीवाल ने कहा कि जब वे एयरपोर्ट से मोहाली आ रहे थे तो दो-दो कदम पर होर्डिंग लगे थे जिनमें लिखा है कि 36 हजार लोग पक्के कर दिए। जिसके बाद उन्होंने धरने में बैठे लोगों से पूछा कि यहां कोई पक्का हुआ की नहीं। इस पर सभा से जवाब आया कि नहीं हुए है। इस पर केजरीवाल ने कहा कि इसका मतलब पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी झूठ बोल रहे हैं।
केजरीवाल ने पंजाब के शिक्षामंत्री परगट सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि वह इन संघर्षरत अध्यापकों से मिले तो हालात पता चलेगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी 15000 है।
यदि कोई ईंट उठाने का काम भी करता तो उसको भी 15000 मिलते हैं, जबकि पंजाब में पढ़ें-लिखे लोगों के साथ शोषण हो रहा है। आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली के अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जा रहा है। जबकि पंजाब सरकार अपने टीचरों को पानी की टंकी पर भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि वह संघर्षरत अध्यापकों को नौकरी तो देंगे ही साथ ही स्कूलों का सारा सिस्टम बदला जाएगा।
पंजाब में शिक्षकों से पढ़ाई का काम छोड़ कराए जा रहे हैं बाकी काम.
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
केजरीवाल ने कहा पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की इमारत के बाहर 165 दिनों से संघर्ष चल रहा है। अध्यापकों को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अध्यापक देश का भविष्य बनाते हैं और आज वह अपने भविष्य को बनाने में लगे हैं। वे सारी डिग्रियां प्राप्त कर चुके हैं लेकिन जब उनको रोजगार नहीं मिलेगा तो वह आइलटेस कर विदेश ही जाएंगे।
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साथ ही केजरीवाल ने कहा कि स्कूल को बाहर से रंगने से वह स्मार्ट नहीं बनता है। उन्होंने कहा कितने स्कूल सिंगल टीचर के सहारे चल रहे हैं। जबकि कई स्कूल चपरासियों के सहारे हैं। इसके अलावा कई जगह टीचर मिड-डे मील पर लगे हैं।
अध्यापकों को मनरेगा के मुलाजिमों से भी कम वेतन मिल रहा है….नेताओं की संपत्तियां करोड़ों की बन गई। वहीं जनता को एक समय का खाना नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम हर मेहनत करने वाले के साथ हैं।
भगंवत मान ने कहा कि पीएचडी करने वाले अध्यापक धान लगा रहे हैं। स्कूल में अध्यापकों की कमी है।
टीचर पानी की टंकी पर चढकर संघर्ष कर रहे हैं। इसके मद्देनजर हालात यह है कि दसवीं के बच्चों को एप्लीकेशन लिखना नहीं आता है