पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच लगातार बढ़ती तल्खी साफ कर देती है कि इस बार चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। नतीजे कुछ भी हों लेकिन दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर लगातार हमले कर रही हैं। सियासी वार हर बार नए तरीके से किया जा रहा है। चुनावी जंग में बीजेपी को जिस चीज की कमी खल रही है वो है एक अदद चेहरे की. टीएमसी बार बार बीजेपी से पूछती है कि वो अपना सीएम कैंडिडेट बताए। टीएमसी बीजेपी पर हमला करते हुए कहती है कि बंगाल को अपनी बेटी चाहिए। अब टीएमसी के इस हमले के जवाब में बीजेपी ने भी तीखा पलटवार किया है। बंगाल बीजेपी ने अपनी महिला नेताओं को आगे कर दिया है। बंगाल बीजेपी ने अपनी नौ महिला नेताओं का पोस्टर जारी करते हुए कहा है कि बंगाल को अपनी बेटी चाहिए बुआ नहीं। पोस्टर में बंगाली भाषा के पिशी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। ये वो शब्द है जो बीजेपी ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ‘पिशी-भायपो’ कहकर करती है। इस पोस्टर में बीजेपी ने ममता बनर्जी को बुआ के तौर पर पेश किया है।
दरअसल टीएमसी ने बंगाल चुनाव के अभियान की शुरुआत करते हुए ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’ का नारा दिया था। इसी के साथ टीएमसी ने ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ के मुद्दे को भी छेड़ दिया था। टीएमसी दिल्ली से प्रचार करने आने वाले नेताओं को बाहरी बताती रही है। वहीं अब बीजेपी ने भी एक कदम आगे बढ़ते हुए करारा जवाब दिया है। बीजेपी के इस पोस्टर में बीजेपी नेता देबोश्री चौधरी, लॉकेट चटर्जी, रूपा गांगुली, भारती घोष और अग्निमित्रा पॉल जैसी महिला नेत्री शामिल हैं। बीजेपी ने इन नेताओं को बंगाल की बेटी बताया है।