सेन्ट्रल डेस्क,साहुल पाण्डेय : राफेल मामले पर विपक्ष के निशाने पर बनी हुई नरेंन्द्र मोदी सरकार के लिए एक और बड़ी राहत की बात सामने आई है। राफेल मामले पर आज संसद के उपरी हाउस राज्यसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट से केन्द्र की मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है। कैग की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मोदी सरकार के समय राफेल को लेकर फांस की सरकार से जो डील की गई है वो यूपीए की सरकार से ज्यादा सस्ती है। लेकिन वहीं रिपोर्ट में एनडीए की सरकार के इस दावे को भी खारिज कर दिया गया है कि यह डील पिछली डील से नौ फिसदी सस्ती है।
मोदी सरकार के लिए संजिवनी साबित होगी कैग रिपोर्ट
बता दें कि आज संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी आज संसद के दोनों सदनों में कंपट्रोलर ऑडिटर जनरल रिपोर्ट को पेश किया जाना था। लेकिन अभी इस रिपोर्ट को राज्य सभा में पेश किया गया है। रिपोर्ट में इस बात को बताया गया है कि यूपीए के समय की राफेल डील महंगी थी। इसमें कहा गया है की एनडीए सरकार द्वारा की गई डील यूपीए की डील से करीब 2.86प्रतिशत सस्ती है। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 126 विमानों के मुकाबले 36 विमानों की खरीद में देश का पैसा भी बचा है। कैग की रिपोर्ट की माने तो इस डील में करीब 17.06 प्रतिशत पैसा बचाने में भी सरकार सफल रही है।
CAG report tabled in Rajya Sabha today: The delivery schedule of the first 18 Rafale aircraft is better than the one proposed in the 126 aircraft deal, by five months. #RafaleDeal pic.twitter.com/9j3vE419sg
— ANI (@ANI) February 13, 2019
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद अब मोदी सरकार को कैग की ओर से भी थम्स अप का सिग्नल मिल गया है। वहीं मोदी सरकार के लिए कैग की रिपोर्ट सरकार के लिए 2019 के चुनावों से पहले संजिवनी साबित हो सकती है। एनडीए सराकर अब जनता के सामने सीना ठोक कर कह सकेगी की विपक्ष जानबुझकर राफेल को मुद्दा बना रहा है।
CAG report, tabled before Rajya Sabha today, says compared to the 126 aircraft deal, India managed to save 17.08% money for the India Specific Enhancements in the 36 Rafale contract. #RafaleDeal pic.twitter.com/mFydI83Led
— ANI (@ANI) February 13, 2019
Finding issues in the UPA era 126 aircraft deal, CAG says Defence Ministry team had said in 2015 that the proposal of Dassault Aviation Rafale should have been rejected in technical evaluation stage itself as it was non-compliant with RFP requirements. #RafaleDeal
— ANI (@ANI) February 13, 2019
CAG report on #RafaleDeal : A Defence Ministry team in March 2015 recommended the scrapping of the 126 Rafale deal saying that Dassault Aviation was not the lowest bidder and EADS (European Aeronautic Defence & Space Company) was not fully compliant with the tender requirements. pic.twitter.com/tjRujrf275
— ANI (@ANI) February 13, 2019
वहीं इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर भी अब निगाहें टिकी हुई है। आज शाह राहुल गांधी एक बार फिर से राफेल के मामले को लेकर प्रेस वार्ता करने जा रहे है। वहीं कल मंगलवार को भी कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा था। उन्होंने कैग की रिपोर्ट पर भी हमला बोलते हुए इसे एक नया नाम दिया ‘चौकिदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट’ दिया था।