सेंट्रल डेस्क, फलक इक़बाल:- सरकार ने मधुमेह, तनाव, रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। जिसके तहत सरकार गांव-गांव तक आयुर्वेद का इलाज पहुंचाएगी। सरकार इसके लिए प्रधानमंत्री जनआरोग्य अभियान के तहत देश भर में तैयार हो रहे करीब डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की मदद भी लेगी। यहां भारतीय वैज्ञानिकों के शोध में निर्मित बीजीआर के साथ कई तरह के आयुर्वेद उपचार से मरीजों का इलाज किया जायेगा।
बताया जा रहा है कि इस दवा को सीएसआईआर ने मधुमेह पर शोध करते हुए अचानक ही तैयार कर लिया था। इस बारे में आयुष मंत्रालय का कहना है कि अभी तक इस दवा के परिणाम काफी सटीक मिले हैं।
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इस दवा के जरिये कई मरीजों में खत्म हुई मधुमेह की बीमारी…
ऐसा मालूम हुआ है कि बीजीआर के इस्तेमाल से 30 वर्ष से कम आयु के मधुमेह रोगियों में इस बीमारी को खत्म होता पाया है। यही वजह है कि सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष व विज्ञान मंत्रालय ने इसे लेकर योजना बनाई है।
गांव-गांव तक पहुंचाई जाएगी दवा…
आयुर्वेद के इस अविष्कार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गांव-गांव तक पहुंचाने की ठानी है। माना जा रहा है कि यदि यह उपचार लोगों तक पहुंचने में सफल रहा तो आने वाले वक्त में यह काफी उपयोगी साबित होगा।
चार राज्यों में हो चुकी है इसकी शुरुआत…
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयुष मंत्रालय 2021 तक देश के सभी जिलों में इस उपचार को पहुंचाया जाने की संभावना है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और अब उत्तर प्रदेश में इसकी शुरुआत भी की जा चुकी है। पहले चरण में करीब 24 हजार केंद्रों को शुरू किया जाएगा। आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमे बताया है की बीजीआर के अलावा डीआरडीओ की ल्यूकोस्किन, नीरी केएफ्टी जैसे इलाज के अलावा योग भी केंद्रों तक उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए अभी कुछ राज्यों से प्रस्ताव आ रहे हैं।