उत्तम न्यायालय द्वारा सरकारी कर्मचारी और पिता की संपत्ति को लेकर एक फैसला लिया गया। बीते सोमवार न्यायालय ने किसी भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसके साथ रह रही अविवाहित या विधवा बेटी को भी उसकी मृत्यु के बाद अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र और आश्रित माना।
यह फैसला अदालत ने कर्नाटक सिविल सेवा नियम के आधार पर 1996 की पड़ताल करते हुए सुनाया जिसमें कहा गया है कि इस अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए तलाकशुदा पुत्री को शामिल नहीं किया जा सकता। यह संशोधन 2021 में जोड़ा गया है।
बता दें कि न्यायधीश एम आर शाह और अनिरुद्ध बोस की पीठ का कहना था कि राज्य सरकार की सेवा में किसी पद पर नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के अनुरूप सिद्धांतों के आधार पर करनी होती है और अनुकंपा नियुक्ति सामान्य नियमों के लिए अपवाद है।
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आगे उन्होंने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके आश्रित को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति पर नीति के तहत पात्र माना जाता है और उसे राज्य सरकार की नीति में तय नियमों का पालन करना होता है।
बता देगी शीर्ष अदालत ने कर्नाटक के उच्च न्यायालय के एक फैसले को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की अदालत द्वारा इस मुद्दे पर कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को खारिज कर दिया गया साथ ही उच्च न्यायालय ने कर्नाटक में कोषागार निर्देशक और अन्य को निर्देश दिया था कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए एक तलाश का पुत्री के आवेदन पर विचार किया जाए।
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