शिवहर से मोहम्मद हुसनैन – बिहार में मजनूगिरी नहीं चलेगी. अगर लड़कियों और महिलाओं पर गंदी नजर डाला तो पुलिस बख्शने वाली नहीं है. लड़कियों के साथ छेड़खानी और बदसलूकी करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. ये बातें बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय ने कही है.बुधवार को डीजीपी ने साफ-साफ कह दिया है कि राज्य के अंदर मजनूगिरी नहीं चलेगी,असल में ये मौका था सीधा संवाद का. खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और बिहार पुलिस के कई बड़े अधिकारी छात्र-छात्राओं से मुखातिब थे.
पटना के ज्ञान भवन में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. पहला सेशन कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ था. इस सेशन में महिलाएं भी काफी संख्या में थी. डीजीपी ने स्पष्ट कर दिया कि लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के साथ वो कोई समझौता नहीं करेंगे. स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा और उनकी परेशानियों को खत्म करने के लिए जल्द ही एक नई व्यवस्था की शुरूआत करने का डीजीपी ने ऐलान कर दिया है. नई व्यवस्था की जिम्मेवारी महिला थाना की थानेदार के हवाले होगा. डीजी बॉक्स लेकर महिला थाना की थानेदार खुद स्कूल-कॉलेज में जाएंगी. वहां पढ़ने वाली छात्राओं से बात करेंगी. जिसमें छात्राएं अपनी समस्या को लिख कर डाल देंगी. अगर उन पर कोई अश्लील कमेंट्स करता है या फिर उनके साथ छेड़खानी की घटना करता है तो एस लफंगे का नाम और पता लिखकर बॉक्स में डाल देंगी. फिर उनका लिखा हुआ लेटर सीधे डीजीपी के पास आएगा. उसके बाद छात्राओं को तंग करने वाले लफंगों से पुलिस की टीम निपटेगी. ज्ञान भवन में मौजूद छात्राओं को डीजीपी ने आश्वस्त कराया कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम हमेशा मुस्तैद है. वहीं, दूसरे सेशन में डीजीपी कॉलेज के छात्रों और युवा वर्ग से मुखातिब थे.
बढ़ते अपराध पर युवा वर्ग की सोंच क्या है? उनकी पुलिस के साथ किस तरह की उम्मीदें हैं? संवाद कार्यक्रम के जरिए डीजीपी छात्रों और युवाओं की राय जानना चाहते थे. सीधे संवाद के जरिए कई बातें सामने निकल कर आई भी. पहले की तरह आज भी डीजीपी ने अपराधियों को कड़ा संदेश दिया है. अगर अपराधी गोली चलाएंगे तो पुलिस भी उसका जवाब देने से नहीं चुकेगी.
इस मौके पर स्पेशल ब्रांच के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए किस तरह के कारगर कदम उठाए गए हैं. उसके बारे में बताया. एडीजी के अनुसार हर जिले में साइबर सेल बना दी गई है. कुल 74 यूनिट बनाए गए हैं. इसमें पटना में 4 यूनिटऔर बड़े जिले में 3 यूनिट काम कर रही है. छात्राओं से एडीजी ने अपील की कि आपके पास सोशल साइट्स के जरिए कई प्रकार के लुभावने मैसेज आएंगे. लेकिन उन मैसेज पर आप आंख बंद कर विश्वास न करें. सोशल साइट्स का उपयोग पढ़ाई और नॉलेज के साथ ही खुद को सुरक्षित रखने के लिए करें.