कोरोनावायरस के इलाज को लेकर अक्सर किसी ना किसी तरह के एक्सपेरिमेंट किए जाते हैं जिससे कि लोगों को इलाज के नए-नए तरीके मिलते हैं। अभी हाल ही में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तंत्रिका रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीएन मिश्रा और डॉक्टर अभिषेक पाठक ने इस बात का दावा किया है कि कोविड-19 के इलाज में गंगाजल कारगर साबित हो सकता है।
बता दें कि प्रेस क्लब में रविवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दोनों ही विशेषज्ञों का कहना था कि हिमालय के गंगोत्री से निकलने वाली गंगा में बैक्टीरियोफेज की प्रचुर मात्रा होती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक “बैक्टीरियोफेज” शब्द का अर्थ “बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला” होता है। जानकारी के मुताबिक गंगा में पाए जाने वाले बैक्टीरिया फेस बैक्टीरिया और गानों को आसानी से नष्ट कर देते हैं जिससे कि गंगा की शुद्धता बनी रहती है।
इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा जल में करीब 1300 प्रकार के बैक्टीरियोफेज की पुष्टि हुई है जो किसी भी नदी की तुलना में अधिक है।
इस संवाददाता सम्मेलन में शामिल इलाहाबाद के उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण गुप्ता जी का कहना था कि जल शक्ति मंत्रालय के तहत संसाधन विभाग के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा जल का इलाज में इस्तेमाल के संबंध में क्लिनिकल अध्ययन करने का निर्देश दिया है।
उनका यह भी कहना था कि गंगा जल से कोविड-19 के इलाज के संबंध में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की है जिस पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया गया है।
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