नबीला शगुफी की रिपोर्ट
जर्मनी में अन्य धर्मों को मानने वालों की तरह इबादत टैक्स का भुगतान करने के मामला अभी जोरों शोरों से चल रहा है। इस मांग का समर्थन करते हुए क्रिश्चियन डेमोक्रेट थोरेस्टन फ्रे ने कहा है कि मस्जिदों से बाहर से आने वाली सहायताओं का विरोध किया जाना चाहिए। बल्कि खुद के रुपए पैसों से ही मस्जिद का निर्माण होना चाहिए।
बता देें कि जर्मनी में बड़ी संख्या में बनने वाली मस्जिदों के लिए तुर्की और कुछ अरब देशों से मदद की जाती है। जिससे मस्जिदों का निर्माण होता है। जर्मन इस्लामिक काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा है कि जर्मनी में वैसे ही बहुत कम मस्जिदें हैं और उनमें भी अधिकतक लोगों की मदद पर भी निर्भर हैं इसलिए लोगों की मदद से मस्जिदों का निर्माण किया जाए ताकि उन पर जर्मन का एकाधिपत्य हो।
जर्मनी में इबादत टैक्स सिर्फ मुस्लिम समुदाय को लेकर ही नहीं बल्कि यहूदी औऱ ईसाई समुदाय के लोग भी इबादत टैक्स अदा करते हैं जिससे वे अपने समुदाय की मदद कर पाते हैं। मस्जिद के संस्थापक का कहना है कि समुदायों को अपने वित्तीय मामले स्वंय देखना चाहिए जिस तरह जर्मनी के यहूदी और कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई प्रार्थना देकर कर रहे हैं। अलजजीरा ने अपने एक टीवी रिपोर्ट में कहा है कि जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक मस्जिद के संस्थापक, इस देश के तमाम मुसलमानों पर इस बात पर बल दे रहे हैं कि वे भी दूसरे धर्मों के माननेे वालों की तरह इबादत टैक्स अदा करें।