विजयादशमी’ और भारतीय वायुसेना के स्थापना दिवस के दिन भारत को विश्व के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक राफेल विमान मिल गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वाइस चीफ मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा मंगलवार को फ्रांसीसी शहर बॉर्डोक्स पहुंचे, जहां ‘हैंडओवर सेरेमनी’ में फ्रांस ने भारत को राफेल विमान सौंपा। पहले राफेल का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर ‘आरबी-001’ रखा गया है।
हालांकि राफेल की पहली खेप अगले साल मई में मिलेगी, क्योंकि भारत में इसे रखने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। राफेल ग्रहण करने के बाद राजनाथ ने कहा, हमारे पास विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और मेरा मानना है कि राफेल हमें और भी मजबूत बनाएगा। यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के हवाई प्रभुत्व को तेजी से बढ़ावा देगा। भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर, 2016 को 36 राफेल विमानों को लेकर करार हुआ था। मुझे खुशी है कि राफेल की डिलीवरी सही समय पर हो रही है। मुझे भरोसा है कि सभी राफेल विमान भारत को समय पर मिल जाएंगे।
राजनाथ ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच राजनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस समय बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना के एयरमैन फ्रांस में फ्लाइंग, मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक्स का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे उन्हें भारत में काफी मदद मिलेगी। राफेल का निर्माण करने वाली दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने कहा, यह हमारे लिए गर्व का पल है। हमने वही किया, जो हमारे करार में था। भारतीय वायुसेना के लिए यह बड़ा दिन है। भारत का पहला राफेल विमान उड़ान भरने को पूरी तरह तैयार है।
राफेल का मतलब आंधी : राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा, “आज भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है। भारत में दशहरा मनाया जा रहा है, वहीं वायुसेना का 87वां स्थापना दिवस भी है। फ्रेंच में राफेल का मतलब होता है ‘आंधी’। यह अपने नाम के मुताबिक, हमारी वायुसेना की क्षमता में इजाफा करेगा।”
उड़ान से पहले की विधिवत ‘शस्त्र पूजा’
राफेल में उड़ान भरने से पहले राजनाथ सिंह ने विधिवत शस्त्र पूजा की। राजनाथ ने राफेल पर ओम लिखा। तिलक लगाकर फूल और नारियल चढ़ाया। इसके साथ ही टायर के आगे नींबू भी रखे। इसके बाद रक्षामंत्री ने मेरीनेक एयरबेस से दसॉल्ट एविएशन के हेड टेस्ट पायलट फिलिप ड्यूश के साथ राफेल में करीब 30 मिनट उड़ान भरी। इससे पहले, राजनाथ सिंह ने ‘तेजस’ में भी उड़ान भरी थी।
आसमान में बढ़ेगी वायुसेना की ताकत
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, वायुसेना के बेड़े में राफेल शामिल होने के बाद देश की सामरिक ताकत में इजाफा होगा। पाकिस्तान के पास इसकी क्षमता का कोई विमान नहीं है, लिहाजा वह आंख उठाकर देखने की भी हिमाकत नहीं करेगा।
पाक के एफ-16 से कहीं ज्यादा ताकतवर
पाकिस्तान के एफ-16 जेट की तुलना में राफेल हर मायने में ताकतवर है। पाक को अमेरिका ने यह विमान दिया है। एफ-16 का रडार सिस्टम 84 किलोमीटर के दायरे में 20 टारगेट की पहचान करता है, जबकि राफेल 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट पहचान सकता है।
भारत को मिलने वाले राफेल विमान में छह अहम बदलाव किए गए हैं। इसे इस्राइली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे का फ्लाइट डाटा रिकॉर्डिंग सिस्टम, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से लैस किया गया है।
Written by: Simran Gupta
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