मनुष्य प्रचंड भौतिकवादी दुनिया में जीने के बावजूद भी कुदरत की बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसी ही एक जानकारी स्कॉट्लैंड के अनुसंधान के रिसर्च से सामने आयी है कि धूसर रंग वाली “शील मछली” इंसानी आवाज़ जैसे किसी गाने की धुुन की नक़ल कर सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रूयज के अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा प्रशिक्षित शील मछलियों को लोकप्रिय ध्वनियों के हिस्से की नक़ल करते हुए, एक सफल परिक्षण किया। जिसमे इंसानी वाक्-ध्वनियों को शील मछलियों द्वारा नक़ल करते हुए देखा गया।
इस अनुसंधान में यह बात भी निकलकर सामने आयी कि बोकल लर्निग और इंसानी भाषा के विकास को बेहतर तरीके से अवसर मिला जिससे इंसानी वाक् ध्वनि में होने वाली परेशानी के अध्यन के लिए भी सील मछली महत्वपूर्ण साबित होगी।
क्योकि यह भी वाक् नली का इस्तेमाल करती है ठीक उसी तरह जैसे मनुष्य करते है।