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किसानों ने ठुकराया कानूनों को निलंबित रखने का प्रस्ताव, कहा-‘अपनी मांगों पर कायम हैं’

किसानों और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध के खत्म होने की अभी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। दरअसल दसवें दौर की वार्ता के दौरान सरकार की तरफ से रखे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। सरकार की तरफ से दिए गए कृषि कानूनों को होल्ड करने के प्रस्ताव को स्वीकर करने से किसान संगठनों की तरफ से इनकार कर दिया गया है। दरअसल इस प्रस्ताव को लेकर आज किसान संगठनों ने काफी लंबी चर्चा की और बैठक के बाद इस प्रस्ताव पर इनकार करने का फैसला लिया गया है।

दरअसल सरकार से 10वें दौर की बातचीत के बाद रखे गए प्रस्‍तावों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को कई घंटों तक बैठक चली। इस बैठक के बाद किसानों का कहना है कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात पर वो अभी भी पूरी तर से कायम हैं।

दरअसल कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ बुधवार को हुई बैठक के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से नरम रुख अपनाया गया था। इस दौरान सरकार की तरफ से कानूनों को डेढ़ वर्ष तक निलंबित रखे जाने का प्रस्‍ताव किसानों के सामने रखा गया था। वहीं आज किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। सरकार से 10वें दौर की बातचीत के बाद रखे गए प्रस्‍तावों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को कई घंटों लंबी बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। किसानों की तरफ से कहा गया है कि वो कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़िग हैं।

दरअसल किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली का ऐलान किया है। इसे लेकर किसान संगठनों की तरफ से पूरी तैयारी भी कर ली गई है। वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से इस ट्रैक्टर रैली को इजाजत नहीं दी गई है। सरकार ने गणतंत्र दिवस से पहले इस आंदोलन को खत्म कराने के लिए नरम रुख अपनाते हुए ये प्रस्ताव दिया था जिसे अब किसानों की तरफ से खारिज कर दिया गया है।

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