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जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन के कुछ रोचक तथ्य

मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। इनकी माँ का नाम हीरा बेन है। इनके चार भाई-बहन हैं। उनकी पत्नी का नाम जसोदा बेन है, शादी के तुरंत बाद वह दोनों अलग हो गए थे। एक ज्योतिषी ने इनकी कुंडली देखकर कहा था कि राजनीति में इनकी अच्छी पकड़ रहेगी।

उनमे किशोरावस्था से ही साफ़ और इस्तरी किए हुए शिकन मुक्त कपड़े पहनना है पसंद। उस समय वह पीतल के लोटे में गरम पानी भरकर शर्ट पर इस्तरी करते थे। आपको बता दें कि उनके पास अनेक कुर्ते हैं जो अहमदाबाद के उनके मनपंसद दर्जी द्वारा सिले गए हैं। उन्हें कलाई घड़ियों और सैंडिलों का काफ़ी शौक है। मोदी में स्वच्छता का उन्माद है। वह अपने आस-पास हर वस्तु स्वच्छ रखते हैं।


यदि स्वास्थ्य की बात करें तो इनका वजन लगभग 84 किलो है। उनकी रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से में समस्या होने के कारण कई बार इन्हें पीठ दर्द होता है और लंबे समय तक खड़े रहने के कारण पैरों में सूजन भी आ जाती है। लेकिन यह सब सामान्य स्वास्थ्य समस्याएँ हैं। इनके अतिरिक्त उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या नहीं है।

मोदी को अपने काम से बहुत प्यार है। बता दें कि वह केवल पाँच घंटे सोते हैं और कभी-कभी उससे भी कम। वह अक्सर सुबह 7 बजे या उससे भी पहले गुजरात के लोगों के लिए ऑन लाइन आ जाते थे, आज वह पूरे भारत के लिए सुबह 7 बजे से ही ऑन लाइन रहते हैं। वह सुबह जल्दी कार्यालय जाते हैं और आवश्यकता होने पर रात्रि 10 बजे तक कार्य करते हैं। मोदी एक ऐसे नेता हैं जो राष्ट्रीय लोकतंत्र में देश के प्रधानमंत्री बन कर भी राजनीति में अपनी पकड़ ढीली न पड़ने देने के सभी प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें कितना भी कार्य करना पड़े, वह कभी पीछे नहीं हटते।


वह प्रति वर्ष नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं और इस दौरान वह एक दिन में केवल एक ही फल खाते हैं। वह नवरात्र पर विशेष भोजन से परहेज करते हैं, जिसे पारंपरिक रूप से दिन में एक बार किया जाता है। वह माँ अंबा के प्रति श्रद्धा रखते है साथ ही देवी अंबा की भक्ति के लिए उपवास भी करते हैं। बता दें कि माँ अंबा की भक्ति के प्रति श्रद्धा के कारण उन्होंने गब्बर पहाड़ी पर 70 करोड़ रूपए से अधिक धनराशि की शक्तिपीठ परिक्रमा का निर्माण किया है। जो भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है।

उन्होंने बाल स्वयं-सेवक के रूप में 8 साल की उम्र में ही RSS से निष्ठा की शपथ ली और उन्होंने RSS में पर्याप्त समय बिताया है। मोदी की चाय की दुकान के पास से संघ के कई प्रचारक और स्वयं सेवक गुजरते थे और मोदी के स्वयं सेवक होने की जानकारी मिलने पर चाय की दुकान उनका अड्डा बन गई। इसके साथ ही उन्हें संघ के कार्यालय में रहने का न्योता मिला। जहाँ सुबह उठकर वह प्रचारक और कार्यकर्ताओं के लिए नाश्ता बनाकर शाखा जाते थे और लौटकर कार्यालय का झाडू-पोंछा करते, कपड़े धोते थे तथा अन्य कार्य करते थे। आपात काल के समय उन्होंने भूमिगत होकर कार्य किया। 1987 में इन्हें गुजरात भाजपा का संगठन मंत्री बनाया गया।


Written by- Mansi

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