भारतीय तीर्थयात्रियों के हवाई मार्ग से पाकिस्तान पहुंचने के बाद, पाकिस्तानी पर्यटक भी 75 साल में पहली बार पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की स्पेशल फ्लाइट से 29 जनवरी को भारत के लिए उड़ान भरेंगे। बता दे की अभी तक तीर्थयात्री या पर्यटक पैदल या समझौता एक्सप्रेस के जरिए एक-दूसरे के देशों में जाते थे।लेकिन अब दोनों पड़ोसी देशों के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीआईए और एयर इंडिया के बीच एक समझौता हुआ था।
इस समझौते में कहा गया की दोनों एयरलाइंस इस संबंध में विशेष उड़ानें संचालित करेंगी। 29 जनवरी को पाकिस्तानी पर्यटकों का एक समूह लाहौर हवाईअड्डे से रवाना होगा और 1 फरवरी को वापस पाकिस्तान लौटेगा। बताया जा रहा है की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, यह समूह अजमेर शरीफ, जयपुर, आगरा, मथुरा, अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह की यात्रा करेगा।
पाकिस्तान हिंदू परिषद के अध्यक्ष रमेश कुमार के मुताबिक यात्रा पर प्रत्येक तीर्थयात्री को 1 लाख रुपए से अधिक खर्च करने होंगे। यदि आगरा और दिल्ली में रहने के दौरान वे अलग कमरा चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें अतिरिक्त 200 डॉलर, यानी करीब 15 हजार रुपए, का भुगतान करना होना।1974 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक तीर्थयात्री दोनों देशों के धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
बता दे की अभी भी भारत और पाकिस्तान के बीच परिवहन के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध नहीं है। भारत की ओर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली से अटारी तक और पाकिस्तान की ओर लाहौर से वाघा तक चलती है। इसके साथ ही साल 1974 के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर भारत-पाकिस्तान प्रोटोकॉल तंत्र के तहत, भारत से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं। और इसी तरह, पाकिस्तानी नागरिक भी भारत में धार्मिक स्थलों पर घूमने के लिए आते हैं