वरुण ठाकुर की रिपोर्ट
पाकिस्तान से लौटी गीता जल्द ही बिहार के दरभंगा स्थित हवासा गांव आएगी। इसके बाद से हवासा गांव ही नहीं, दरभंगा के लोग भी उत्साहित हैं। इसे लेकर प्रशासन भी एक्टिव है। प्रशासन स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही है। हायाघाट प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार की मानें तो गीता के लिए अच्छा संकेत है।
दरअसल पाकिस्तान से लौटी गीता पर हायाघाट प्रखंड के हवासा गांव के शीत मांझी की पत्नी शोभा देवी ने दावा किया था। शोभा देवी के दावे पर सरकार को रिपोर्ट भेजने के बाद इसमें जबर्दस्त सफलता मिली। इंदौर के डीएम और दरभंगा डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह की पहल पर गीता को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से हवासा गांव दिखाया गया और उसकी परिजनों से बात कराई गई। इसमें बहुत कुछ समानता पाई गई है। यही कारण है कि गीता ने दरभंगा आने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्थानीय प्रशासन ने स्वागत किया है।
गीता को पूरे गांव घुमाने और जीवन से जुड़ी हर चीज को दिखाने का भरोसा दिया गया। बीडीओ राकेश कुमार ने बताया कि काफी कुछ सफलता मिली है। गृह विभाग को रिपोर्ट जाने के बाद इस मामले पर मध्य प्रदेश के सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक बीके जैन ने दरभंगा डीएम डॉ. सिंह से बात की। बताया कि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से गीता उस गांव को देखना चाहती है। इसके बाद डीएम डॉ. सिंह उत्साहित होकर उस गांव को दिखाने का आश्वासन दिया। कुछ देर बाद इंदौर के डीएम फोन लाइन पर आ गए। इस बीच हायाघाट के बीडीओ राकेश कुमार को हवासा गांव भेजा गया। उन्होंने गांव पहुंच कर वीडियो कॉलिंग के माध्यम वहां के डीएम से बात की। इसके बाद वार्डन मोनिका को लाइन पर लिया गया।
वीडियो कॉलिंग के डिस्प्ले पर गीता पहुंची। उसने मूक भाषा के माध्यम से बताया कि उसके गांव में ईंट-भट्ठा था। तालाब था, जिसमें एक नाव होती थी। एक मंदिर था, जहां मेला लगता था। बगल में नदी और अस्पताल थे, जहां वह इलाज कराने जाती थी। इसके बाद उन तमाम जगहों को बीडीओ ने गीता को दिखाया। वीडियो कॉलिंग पर तमाम स्थानों को देखने के बाद गीता को कुछ-कुछ याद आया और उसने बताया कि ऐसा ही उसका गांव था इसके बाद गीता पर दावा करने वाली मां शोभा देवी से सामना कराया गया। लेकिन, गीता उसे ठीक से पहचान नहीं पाई। लेकिन, जैसे ही चाचा कमरू मांझी, डोमा मांझी से सामना कराया गया तो कहा कि इसी शक्ल के उनके चाचा हैं। काफी कुछ मिलने पर गीता ने स्वयं दरभंगा के हवासा गांव आने की इच्छा जताई। इसके बाद यहां के प्रशासन ने उन्हें सहयोग करने का आश्वासन दिया।
वहीं विदेश मंत्रालय के माध्यम से परिवार के सदस्यों ने डीएनए टेस्ट देने के लिए तैयार होने की बात कही।