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IIT कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए शामिल ,कहा चुनौती से हमे कभी भागना नहीं चाहिए

कानपुर आईआईटी के 54वें दीक्षांत समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये दौर,ये 21वीं सदी, पूरी तरह प्रौद्योगिकी संचालित है।इस दशक में भी तकनीकी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है और अब बिना तकनीक के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा और ये जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है।आगे उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।जब आपने आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं,तब और अब में आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे।

मोदी ने कहा कि चुनौती से हमे कभी भागना नहीं चाहिए

इस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें कभी चुनौती से नहीं भागना चाहिए।जो लोग चुनौती से भागते हैं,वो उनका शिकार बन जाते हैं।पीएम ने कि आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे,लेकिन मेरी सलाह यही होगी कि आप कंफर्ट मत चुनना,चुनौती जरूर चुनना।क्योंकि आप चाहें या न चाहें,जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं।जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं।आगे पीएम ने कहा कि आप अपनी मानवीय संवोदनाओं को और जानने की ललक को कभी मरने मत देना।लोगों से जुड़ने की अपनी इच्छा को दबने नहीं देना।जीने की जिजीविषा का नाम ही जीवन है और इसे पूरे आनंद एवं उल्लास से जीना।

युवाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा ,जानिए

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक,नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक।आगे उन्होंने कहा जब हम इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की,उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।1930 के उस दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे,1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की सिद्धि, उनके जीवन का गोल्डन फेस थी।आगे कहा आज आप भी एक तरह से उस जैसे ही गोल्डन एरा में कदम रख रहे हैं।जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का भी अमृतकाल है।

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आत्मनिर्भर बनने के लिए अधीर बनें-पीएम

इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से कहा आत्मनिर्भर बनने के लिए अधीर बनें।मैं भी अधीर हूं।वर्ष 2047 में भारत कैसा होगा,यह आपको ही तय करना है।आगे उन्होंने कहा कि आपको ही देश की दिशा और गति तय करनी है।उन्होंने कहा कि 25 साल की उम्र में अपने पैरों पर खड़े हो जाना चाहिए। लेकिन देश आजादी के बाद 25 साल की उम्र में पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया।अब काफी समय बीत गया है और दो पीढ़ियां बीत गई हैं।इसलिए एक पल भी बर्बाद नहीं करना है।भविष्य में टेक्नोलॉजी के बिना जीवन अधूरा होगा।ये समय जीवन व टेक्नोलॉजी में प्रतिस्पर्धा का है।इसमें आपको आगे निकलना है।मुझे विश्वास है कि आप इसे पूरा करोगे।

भारतीय कंपनियां आईआईटी के दम पर बन रहीं ग्लोबल

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां ग्लोबल बनें,भारत के उत्पाद ग्लोबल बनें,जो आईआईटी को जानता है।यहां के टैलेंट को जानता है,यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है,वो ये विश्वास करता है ये आईआईटी के नौजवान जरूर करेंगे।आज भारत दुनिया का दूसरा स्टार्ट हब बनकर हब बनकर उभरा।तीसरा सबसे बड़ा यूनीकॉर्न देश बन गया है।इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें।अगर हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे,तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा,अपनी डेस्टिनी तक कैसे पहुंचेगा। जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था।

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