लंबा किसान आंदोलन चलाने और आंदोलन को जीवंत रखने की वजह से टिकैत का चयन किया गया है।
जी हां आपको बता दें कि किसान आंदोलन के दौर में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड के फाइनलिस्ट बन गए हैं।बता दें कि 10 दिसम्बर को लंदन में विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद लंदन की कंपनी ने अवार्ड के लिए राकेश टिकैत का नामांकन किया है।
मिसाल बनने वाली शख्सियत
आपको बता दें कि लंदन की स्क्वेयरड वाटरमेलन कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाली शख्सियतों को हर साल आइकॉन अवार्ड देती है।
इस कंपनी की ओर से 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड के लिए फाइनलिस्ट की घोषणा हो चुकी है।
जैसा की आप सब जानते हैं कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में सिसौली से लेकर दुनियाभर में राकेश टिकैत चर्चा में थे।हर जगह राकेश टिकैत छाए रहते हैं।गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाया और अडिग रहे।
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गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा बन सकती है रोड़ा
हालांकि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से आंदोलन सवालों के घेरे में आ गया था, लेकिन फिर भी भाकियू प्रवक्ता ने आंदोलन फिर से जिंदा किया।
गौरतलब है कि यह पहल कंपनी की ओर से 2017 में की गई थी और अब तक 2018, 2019 और 2020 के लिए अवार्ड घोषित हो चुके हैं।
इस कंपनी की तरफ से इससे पहले पार्श्व गायक सोनू निगम, शंकर महादेवन, फैशन के लिए राघवेंद्र राठौर, तकनीकि क्षेत्र के लिए धीरज मुखर्जी को यह अवार्ड मिल चुका है। जिसमें ट्रॉफी दी जाती है।
एस के एम में राकेश टिकैत को खूब तवज्जो दी गई है।
वहीं केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद टिकैत का कद और बढ़ा दिया गया।बता दें कि इस साल वाटरमेलन कंपनी ने पुरस्कारों के लिए राकेश का नामांकन किया है।
कंपनी ने इसके लिए पहले राकेश टिकैत की सहमति ली थी।फिलहाल लंदन में विजेताओं की घोषणा 10 दिसंबर की जाएगी।