सेन्ट्रल डेस्क, कौशल कुमार- हरियाणा के यमुनानगर में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के बेलगढ़ स्थित फार्म हाउस पर 6 साल की बच्ची से दरिंदगी करने वाले देवी सिंह को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल में रहने की सज़ा सुनाई है। मूल रूप से राजस्थान के जैसलमेर निवासी अभियुक्त देवी सिंह ने बीते साल घोड़े को बेहोश करने वाला इंजेक्शन बच्ची को लगाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद आरोपी ने बच्ची की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी थी।
इस मामले में 8 महीनों के अंदर तेज़ी से सुनवाई कर दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। डा. अब्दुल माजिद ने अपने फै़सले में कहा कि इस तरह के अपराध करने वाले को छोड़ा नहीं जा सकता है। समाज में बच्चों की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधियों को कड़ी सज़ा देना ज़रूरी है। कोर्ट ने दोषी पर 2,50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि झारखंड निवासी पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोपी को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की मांग की थी।
शिकायत में पिता ने बताया था कि वह पूर्व मंत्री के फार्म हाउस में 6 साल से घोड़ों की सेवा और चौकीदारी का काम करता था। वहीं पर एक मकान में परिवार के साथ रहता था। दो जून, 2018 को जब वह यमुना के पास मछली पकड़ने के लिए निकला तो पीछे से उसकी बेटी भी चली गई थी। करीब 3 घंटे बाद जब वह वापस आया तो उसकी बच्ची घर पर नहीं थी। बच्ची के गायब होने पर पुलिस सक्रिय हो गई। अगले दिन उसका खून से सना शव मिला था।
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बच्ची का गला रेता हुआ था। वारदात को अंजाम देने के बाद शव के ऊपर पेड़ की टहनियां डालकर उसे छिपाया हुआ था। बच्ची का शव मिलने के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो आरोपी देवी सिंह बीमारी का बहाना बनाकर स्थानीय अस्पताल में भर्ती हो गया था। वारदात स्थल पर पुलिस को एक सिरिंज मिली थी। वेटरनरी सर्जन के साथ काम करने वाले स्टाफ का पता कर सभी की तलाश शुरू की तो देवी सिंह गायब मिला। आरोपी 11 साल से फार्म हाउस पर काम कर रहा था। देवी का बच्ची के घर आना जाना भी था। इसी आधार पर पुलिस ने देवी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में देवी सिंह ने बताया था कि बच्ची छतरी लेकर रोते-रोते नदी की ओर जा रही थी। रास्ते में उसने उसे पकड़ लिया। फिर घोड़े सुस्त करने वाला ‘जाइलाजाइन’नाम का इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया था, ताकि बच्ची शोर न मचा सके। इसके बाद उसने बच्ची के साथ 8 घंटों में तीन बार दुष्कर्म किया। चौथी बार दुष्कर्म करते वक़्त बच्ची को होश आ गया था और वह ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी थी, जिसके बाद देवी सिंह ने उसका मुंह बंद कर सब्जी काटने वाले चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी। सरकारी वकील सुरजीत आर्य ने बताया कि इस मामले में अदालत ने अभियुक्त देवी सिंह को दोषी ठहराया था। हालांकि फांसी की सज़ा की मांग की गई थी, लेकिन डा. अब्दुल माजिद ने ताउम्र कारावास की सजा सुनाई है। अदालत का कहना है कि जो भी व्यक्ति मासूमों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करेगा, उसे कड़ी सज़ा ज़रूर मिलेगी।