राजस्थान हाईकोर्ट ने सलमान खान को काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर की सत्र अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह फरवरी को पेश होने की अनुमति दे दी है।
सलमान ने याचिका दायर कर उन्हें काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने संबंधी निर्देश से छूट देने का अनुरोध किया था. साथ ही, मुंबई से ही कार्यवाही में ऑनलाइन पेश होने की अनुमति मांगी थी.
हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने अभिनेता के वकील की उस दलील को स्वीकार करते हुए यह राहत प्रदान दे दी. दलील में कोविड-19 महामारी के दौरान मुंबई से जोधपुर की यात्रा करने से खान के स्वास्थ्य को खतरा होने का हवाला दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने सलमान के वकील एच एम सारस्वत की उस दलील को भी स्वीकार कर लिया कि उनके मुवक्किल की पेशी से अदालत परिसर में भारी भीड़ एकत्र होने पर कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है।
सारस्वत ने कहा कि अदालत ने सलमान को जिला और सत्र न्यायालय में छह फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दे दी है.
क्या है पूरा मामला
22 साल पहले सितंबर 1998 में सलमान खान जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग कर रहे थे. इसी दौरान सलमान खान फिल्म में सहयोगी कलाकारों सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम पर आरोप है कि फिल्मी सितारों ने संरक्षित काले हिरण का शिकार किया।
शिकार की तारीख 27 सितंबर, 28 सितंबर, 01 अक्टूबर और 02 अक्टूबर बताई गई. साथी कलाकारों पर सलमान को शिकार के लिए उकसाने का आरोप लगा। सीजेएम ग्रामीण कोर्ट जोधपुर ने कांकणी हिरण शिकार में सलमान खान को दोषी करार दिया गया है. अन्य सितारों को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया था।
यह दर्ज हुए थे मुकदमे- शिकार मामले में सलमान पर चार केस दर्ज हुए. मथानिया और भवाद में दो चिंकारा के शिकार के लिए दो अलग-अलग मामले. वही कांकाणी में काले हिरण का शिकार पर, जिसमें जोधपुर अदालत ने सलमान को दोषी करार दिया है. लाइसेंस खत्म होने के बाद भी .32 और .22 बोर की रायफल रखने का. चौथा मामला आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया. इसमे भी सलमान खान को कोर्ट ने बरी कर दिया।
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