पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनकर सारा गिल ने इतिहास रच दिया है। 23 वर्षीय गिल के मुताबिक , ‘मुझे पाकिस्तान की पहली किन्नर चिकित्सक बनकर गर्व हो रहा है। उन्होंने कहा की मैं अपने एनजीओ की मदद से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कार्य करती रहूंगी। जीवन में कठिनाइयां आती हैं।यदि आप में जुनून है तो कोई भी आपके कदम को रोक नहीं सकता। आप सफलता की तरफ अवश्य बढ़ेंगे।’
बता दे की सारा गिल ने कराची के जिन्ना मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज से एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की। वह पाकिस्तान में किन्नरों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन से भी जुड़ी हैं। सारा ने बताया कि पाकिस्तान में कैसे अभिभावक अपनी किन्नर संतानों को समाज के दबाव में घरों से बाहर फेंक देते हैं। साथ ही सारा ने समाज से अपील की कि किन्नर बच्चों को घरों से बाहर निकालना बंद कीजिए। यह एक शुरुआत है, आगे चीजें और बेहतर होंगी।
हाल के वर्षों में पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर आबादी के सशक्तिकरण के कदम उठाए गए हैं। उनका ट्रांसजेंडर नागरिकों के रूप में पंजीयन शुरू किया गया है। 2018 में इनके अधिकारों की रक्षा व भेदभाव रोकने के लिए एक विशेष कानून बनाया गया है। बता दे की पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान के किन्नरों के लिए मुल्तान में विशेष स्कूल खोला गया है।इसमें किन्नरों ने पहली बार प्रवेश लिया। और इस स्कूल में नर्सरी से माध्यमिक कक्षा तक की पढ़ाई के प्रबंध किए गए हैं।