पाकिस्तान में 1947 से अब तक ईशनिंदा के कुल 1415 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 1947 से 2021 तक ईशनिंदा को लेकर कुल 18 महिलाओं और 71 पुरुषों की अतिरिक्त न्यायिक रूप से हत्या कर दी गई है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक मामलों की वास्तविक संख्या अधिक मानी जाती है क्योंकि सभी मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते।
खबरों के मुताबिक वास्तविक संख्या को अधिक माना जाता है क्योंकि मीडिया में ईशनिंदा के सभी मामले दर्ज नहीं होते हैं। वही रिपोर्ट में बताया गया है कि 70 फीसद से ज्यादा आरोप पंजाब से रिपोर्ट किए गए थे।
बता दे की इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में 55 मामले दर्ज किए गए थे। जो खैबर पख्तूनख्वा, बलोचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ईशनिंदा के मामलों से कहीं अधिक है। इसके अलावा पंजाब से 1098 मामले और सिंध से 177 खैबर पख्तूनख्वा से 33, बलोचिस्तान से 12 और पाकिस्तान से 11 मामले सामने आए।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर लगातार बहस जारी है कि इस्लाम का अनादर करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए या नहीं। इतना ही नहीं कई बार ईशनिंदा का गलत आरोप भी लगाया जाता रहा है। समाज का एक बड़ा धड़ा ईशनिंदा कानूनों की समीक्षा की मांग कर रहा है ताकि उसके दुरुपयोग से बचा जा सके और उसे रोका जा सके।
हालांकि इस्लाम के अपमान पर हत्या को कई लोग जायज भी मानते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों का मानना है कि इस्लाम का अपमान करना एक अक्षम्य धार्मिक अपराध है ऐसे में लोगों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।