भारत के पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के अनुसार दिसंबर महीने मिलने वाला पहला ही वेतन रोक लिया गया है। खासतौर पर जो सरकारी कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में काम करते हैं। दरअसल इन कर्मचारियों को वेतन के साथ पेंडू भत्ता भी दिया जाता था
भारत के पंजाब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते पर लगाई रोक
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लेकिन वित्त विभाग ने भत्तों को रेशनलाइजेशन करने संबंधी एक पत्र सितंबर महीने में निकाला था, उसका हवाला देते हुए खजाना दफ्तरों ने ये ग्रामीण इलाकों के कर्मचारियों के बिल रोक दिए हैं और उनके अधिकारियों से कहा गया है कि वे पेंडू भत्ते को हटाकर बिल पेश करें तभी वेतन दिया जाएगा।
बता दे की ग्रामीण इलाकों खासतौर पर स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें नए वेतनमान के अनुसार पहला वेतन मिलना था वह भी नहीं मिला है।
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सरकार बहाने बना बनाकर हमें परेशान कर रही है और हमारे भत्तों को बंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जितना वेतन बढ़ाया गया है उसकी भरपाई कटौती करके की जा सके।
विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मिलते हैं ये भत्ते
बताया जा रहा है की आफिस रेंट भत्ता, रिस्क भत्ता, साइंस भत्ता, शिफ्ट भत्ता, स्टेशनरी भत्ता, टीचिंग भत्ता, ट्रांसपोर्ट भत्ता, टनलिंग भत्ता, टाइपिंग भत्ता , यूनिफार्म भत्ता, वाशिंग भत्ता, किट मेंटिनेंस भत्ता, डिजाइन भत्ता आदि। वित्त विभाग ने कहा कि इन सभी भत्तों को रेशनलाइज करने की जरूरत है, इसलिए सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूदा भत्तों के बारे में इन्हें खत्म करने और जारी रखने संबंधी अपनी रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजें। साथ ही यह भी कहा कि ये भत्ते नए वेतनमान के अनुसार केवल तभी दिए जाएंगे जब इनसे संबंधित मुद्दा फाइनल कर लिया जाएगा।