सेन्ट्रल डेस्क, अरफा जावेद- हिमाचल के बालीचौकी कार्यालय में सेवादार, चौकीदार और चालक के पदों के लिए भर्तियां निकली थीं। सरकार ने 31 जनवरी तक इसके आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए प्रशासन ने शैक्षिक योग्यता 10 वीं पास निर्धारित की थी। लेकिन बेरोज़गारी की वजह से सेवादार और चौकीदार के पदों के लिए दर्जनों एम.ए., एम.एस.सी. और बी.एड. डिग्री धारकों ने आवेदन किए हैं।
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भारत में दिन-प्रतिदिन बढ़ती बेरोज़गारी देश के युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है। देश में रोज़गार की स्थिति इतनी ख़राब होती जा रही है कि सरकारी विभागों में चपरासी, चौकीदार आदि पदों की भर्तियों के लिए 10 वीं पास से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस आवेदन पर डिग्री धारकों ने भी आवेदन किए है। इससे भारत जैसी अल्पविकसित अर्थव्यवस्था में बेरोज़गारी का विस्फोटक रूप देखने मिल रहा है।
हमारे संविधान ने रोज़गार के लिए सभी को एक समान अधिकार दिया है, लेकिन बेरोज़गारी की इस आंच से न सिर्फ़ न्यूनतम शिक्षित लोग बल्कि उच्च शिक्षित लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। बता दें कि कई बार न्यूनतम शिक्षित लोगों से आवेदन मांगे जाते हैं, लेकिन कई बार डिग्री धारक भी बेरोज़गारी के चलते आवेदन कर देते हैं। इसके कारणवश न्यूनतम शिक्षित व्यक्तियों का भविष्य अंधकार में चला जाता है।