Farmer Groups to meet on Agitation over FarmBills पिछले एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा था। वहीँ प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है।बता दें कि किसान संगठनों और सियासी दलों ने पीएम के इस फैसले का स्वागत किया है।
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गौरतलब है कि कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद ही आह 32 किसान संगठनों की बैठक होने जा रही है।किसानों की बैठक आगे की रणनीति तैयार करने के लिए एकत्रित हो रही है।आपको बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक साल से ज्यादा समय से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है और अपने खेत और परिवार के बीच लौटने का आग्रह किया है।इसके साथ हीउन्होंने कहा कि अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इस दौरान कुछ किसान संगठनों ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।बताया जारहा है कि किसान संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन खत्म नहीं करने का एलान किया है।किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा।संसद सत्र में कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसके बाद ही किसान आंदोलन खत्म करेंगे।
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कानून वापस लेने जे बाद राकेश टिकैत ने कहा कि हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून और किसानों से संवाद करने के लिए कमेटी बनाई जाए।इसके आलावा टिकैत ने कहा कि 10 हजार से ज्यादा किसानों पर मुकदमे दर्ज हैं उसका क्या होगा।मीठी भाषा को बातचीत में बदलवा करने की जरूरत है।
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कृषि कानून वापस लेने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना सधते हुए ट्वीट किया कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया.अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!
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