एक सभ्य समाज के किसी भी वर्ग का कोई भी उत्पीड़न चाहे वह मानसिक हो शारीरिक, आर्थिक हो या सामाजिक सर्वथा अवांछनीय है। लेकिन, भारत में महिलाओं के उत्पीड़न की घटनायें अक्सर अख़बारों और टीवी चैनल की सुर्ख़ियाँ बनती हैं।
स्थिति और भी अधिक गंभीर और शर्मनाक हो जाती है जब किसी बलात्कार की खबर सुर्ख़ियाँ बटोरती है। हालाँकि कई ये कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन खबर कुछ ऐसी है कि अनदेखा नहीं किया जा सकता।
हाल की घटना
हाल की घटना दिल्ली के नजफगढ़ इलाके की है।
गत सोमवार शाम, एक 86 वर्षीय महिला का बलात्कार किया गया।
इलाके में प्लंबर का काम करने वाले 37 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक़ आरोपी सोनू रेवला खानपुर इलाके का निवासी है।
प्रारम्भिक जांच में पता चला कि 86 वर्षीय महिला जब छावला गांव में अपने घर के बाहर अपने दूधवाले का इंतजार कर रही थी। तभी आरोपी ने उससे संपर्क किया। आरोपी ने उससे झूठ बोला और उसे बताया कि दूधवाला नहीं आएगा। महिला को बातों में उलझाते हुए आरोपी में महिला को इस बात के लिए मना लिया की वह एक ऐसी जगह जाए जहाँ से वह दूध खरीद सकती थी। और वह ऐसी जगह जानता है और महिला चाहे तो उसके साथ चल सकती है। तब यह वृद्ध महिला आरोपी के झाँसे में आ गयी और साथ चलने की हामी भरी।
इसके बाद आरोपी उसे अपनी बाइक पर पास के खेत में ले गया और बलात्कार की कोशिश की। जब महिला ने उसके कुत्सित प्रयासों का विरोध किया। आरोपी ने वृद्ध महिला की पिटाई भी की। इतने में स्थानीय लोगों ने पीड़िता के रोने की आवाज सुनी। खोजबीन के बाद आरोपी को पकड़ लिया गया । बाद में पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस ने कार्रवाही शुरू की
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आयी और कार्रवाही शुरू की।घटना की जानकारी देते वक्त संतोष कुमार मीणा, डीसीपी, द्वारका ने कहा,’महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया और बलात्कार की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और चोट पहुंचाई गई। आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया ”।
दिल्ली महिला आयोग ने लिया संज्ञान
स्वाति मालिवाल, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने उक्त महिला उसके घर पर ही से मुलाकात की। और उसे शीघ्र सुनवाई का आश्वासन दिया। यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पीड़ित की पहचान गुप्त रखी गई है
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने बाद में पीड़िता से उसके घर पर मुलाकात की और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ये घटना ना केवल महिलाओं के प्रति अपराध की है बल्कि समाज में बढ़ रही एक कुत्सित मानसिकता का भी द्योतक है।
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