बिहार में सफर करना अब महंगा होने जा रहा है। दरअसल बिहार में अब इसी महीने से सरकारी बसों का भी किराया बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में डीजल से चलने वाली सरकारी बसों का किराया बढ़ाया जाएगा। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने बसों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव परिवहन विभाग को भेजा है। किराए में कितने बढ़ोतरी की जाएगी इसे कमेटी ही तय करेगी। जोकि जल्द इस कमेटी की बैठक में तय कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि नयी किराया दर अप्रैल से ही लागू होगी।
बिहार में निगम के पास कुल 380 बसें हैं। इनमें 360 बसों का परिचालन फिलहाल किया जा रहा है। 20 बसों का परिचालन तकनीकी कारणों से नहीं हो रहा है। डीजल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर निगम ने बसों का किराया बढ़ाने का फैसला किया है। नियमों के मुताबिक निगम इसे लेकर राज्य परिवहन आयुक्त को प्रस्ताव भेजता है। जिसके बाद किराया निर्धारण कमेटी की बैठक में तय होता है कि बसों का किराया कितना बढ़ाया जाए।
दरअसल बिहार की प्राइवेट बसों में हाल ही में किराया बढ़ाया गया था। 14 मार्च से बिहार की प्राइवेट बसों में बढ़ा हुआ किराया लागू किया गया था। निजी बसों के संचालक संघ ने 20 फीसदी किराया बढ़ाया है। राज्य में यात्री बसों की संख्या लगभग 60 हजार है। किराया बढ़ाने के पीछे संघ का तर्क था कि डीजल के अलावा टोल टैक्स में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में बसों का मेंटेनेंस महंगा हुआ। कर्मचारियों को रखने में पूर्व की तुलना में अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया था।