प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार संदेसरा ब्रदर्स के द्वारा किया गया घोटाला देश का सबसे बड़ा घोटाला है। इससे पहले सबसे बड़ा घोटाला पीएनबी घोटाले था लेकिन संदेसरा ब्रदर्स ने उससे ज़्यदा पैसे मार के फरार हो गए। समाचार एजेंसी एएनआई ने ईडी के सूत्रों के हवाले से बताया कि स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड/संदेसरा ग्रुप और इसके प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ती संदेसरा ने भारतीय बैंकों को 14 हजार 500 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है। जबकि पीएनबी घोटाले के अपराधी नीरव मोदी ने 11 हजार 400 करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड किया था।
सूत्रों के अनुसार स्टर्लिंग बॉयोटेक के मालिक संदेसरा बंधुओं चेतन जयंतीलाल संदेसरा और नितिन जयंतीलाल संदेसरा पर फर्जी कंपनियां बनाकर बैंकों से लोन लेते थे। संदेसरा बंधुओं के खिलाफ सीबीआई ने 5700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इस मामले में स्टर्लिंग बायोटेक के साथ ही कंपनी के निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी, सीए हेमंत गर्ग आदि को आरोपी बनाया गया।
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फरार चल रहे संदेसरा ब्रदर्स के खिलाफ ईडी के अनुसार लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ था. सीबीआई की एफआईआर के अनुसार संदेसरा बंधुुओं की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक ने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के संघ से 5000 करोड़ रुपये ऋण लिए थे,जिन्हें चुकाया नहीं गया और यह एनपीए बन गया। संदेसरा ब्रदर्स के कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के करीबी होने का आरोप लगता रहा है।
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संदेसरा बंधु कहां हैं, यह पता नहीं चल सका है. ऐसे समय में जब सरकार नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी है, संदेसरा बंधुओं का पता लगाना भी बड़ी चुनौती है।