कृषि बिल के विरोध में आज देशभर में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों की अगुवाई में आज किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इसी कड़ी में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। यूपी, बिहार, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में कृषि बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। कई जगहों पर रेल ट्रैक पर भी किसानों ने डेरा जमा लिया है।
इस प्रदर्शन में 31 संगठन शामिल हैं। किसान संगठनों को कांग्रेस, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, टीएमसी समेत कई पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया है। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर ट्रैक्टर रैली निकाली है।
इससे पहले पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब और खासतौर से पश्चिम बंगाल में देखने को मिल सकता है। इसके अलावा अन्य राज्यों के साथ राजनीतिक दल भी विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।
वहीं किसानों के देशभर में भारत-बंद के ऐलान के मद्देनजर दिल्ली-यूपी सीमा पर अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई है।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों से एमएसपी छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना दाम मिलेगा ना सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। भाजपा कृषि बिल ईस्ट इंडिया कंपनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।
वहीं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती कार्यक्रम में संबोधन के दौरान किसान बिल को लेकर विपक्ष के विरोध पर पीएम मोदी ने निशाना साधा है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी। हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया।
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