सेंट्रल डेस्क मानसी-आज की इस भाग दौड़ से भरी ज़िन्दगी में हर कोई विद्यार्थी से लेकर एक आम नौकरी पेशा व्यक्ति भी तनाव से ग्रस्त है। विद्यार्थियों को कक्षाओं की,परीक्षाओं की और ऐसी ही कई अन्य चीज़ो का दबाव रहता है, तो वही दूसरी ओर एक नौकरी पेशा व्यक्ति को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने अपनी एक रिसर्च में बताया है की किस तरह से विद्यार्थी अपने तनाव को कम कर सकते है। इसके लिए उन्होंने लगभग 200 कॉलेज के विद्यार्थियों को शामिल किया जिन्हे चार समूहों में बाँट दिया गया। जिसमे से पहले समूह के विद्यार्थियों को चूहों के साथ और दूसरे समूह के विद्यार्थियों को बिल्ली के साथ दस-दस मिनट का समय बिताने को कहा गया।
इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने बताया की कुत्ता या बिल्ली पालने से विद्यार्थियों को तनाव से राहत देने वाले शारीरिक लाभों के साथ-साथ उनके मूड में भी सुधार लाया जा सकता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर पेट्रीसिया पेंड्री ने कहा, “सिर्फ दस मिनट से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हमारे अध्ययन में जिन विद्यार्थियों ने कुत्ते और बिल्लियों संग समय बिताया उनमें कॉर्टिसोल हॉरमोन में उल्लेखनीय कमी पाई गई। यह तनाव पैदा करने वाला एक प्रमुख हॉरमोन है।”
जर्नल एईआरए ओपन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कई विश्वविद्यालयों ने ‘पेट योर स्ट्रेस अवे’ कार्यक्रम चलाया है, जहां विद्यार्थी आकर कुत्ते और बिल्लियों से बात कर सकते हैं, उनके साथ खेल सकते हैं। परीक्षण में पाया गया कि जिन विद्यार्थियों ने जानवरों संग वक्त बिताया, इस मुलाकात के बाद उनके लार में कॉर्टिसोल बहुत कम पाया गया।