टोक्यो ओलंपिक में जहां भारत ने 7 मेडल जीते वही तो क्यों पैरालंपिक में भारत के हिस्से 11 पदक आए। बहुत गर्व की बात है कि एक के बाद एक पदक भारत के नाम होते जा रहे हैं। सलाम है उन सभी खिलाड़ियों को जो अपनी मेहनत और लगन से भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन कर रहे हैं।
दिल्ली के प्रवीण कुमार ने बीते दिन सिल्वर मेडल जीतकर भारत को 11 पदक भेंट किया। प्रवीण कुमार दिल्ली से हैं जिनकी उम्र केवल 18 वर्ष है। इतनी कम उम्र में उन्होंने भारत के लिए पदक हासिल करके ना सिर्फ अपना अपने परिवार का बल्कि भारत का भी नाम रोशन किया है। बता दें कि प्रवीण कुमार ने 2.7 मीटर की हाई जंप में यह पदक हासिल किया है। इस खेल में प्रवीण कुमार दूसरे स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल हासिल किया।
वहीं दूसरी ओर ग्रेट ब्रिटेन के ब्रूम एडवांस्ड एडवांस्ड जॉनाथन ने 2 दशमलव 10 मीटर की हाई जंप लगाकर गोल्ड मेडल जीता। बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने अब तक दो गोल्ड 6 सिल्वर और तीन ब्राउन मेडल जीते हैं। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत को हाई जंप के खेल में कुल 4 पदक मिले हैं जिसे कि पैरालंपिक इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा गया है। इससे पहले भारत ने 2016 में रियो पैरालंपिक में 2 गोल्ड सहित कुल 4 मेडल भारत के नाम किए।
हाई जंप में कुल 4 पैरा एथलीट ने मेडल जीते। प्रवीण कुमार से पहले हाई जंप की टी63 स्पर्धा में भारत के मरियप्पन थंगावेलु ने सिल्वर, जबकि शरद कुमार ब्रॉन्ज मेडल जीता था। दूसरी ओर टी47 में निषाद कुमार ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल अपनी झोली में डाला था।
बता दें कि दिल्ली के प्रवीण कुमार का एक पैर बाकी लोगों की तरह सामान्य नहीं है। बल्कि उसकी तुलना में छोटा है, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी इस कमजोरी को खुद पर हावी होने नहीं दिया। इसे अपनी ताकत बना अलग-अलग तरह के खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में 2.05 मीटर की छलांग लगाने का लक्ष्य रखा था और उन्होंने 2.07 मीटर की छलांग लगाई। जबकि लॉकडाउन के कारण उनकी तैयारी काफी हद तक प्रभावित हुई है लेकिन उनका मनोबल नहीं टूटा था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रवीण कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का नतीजा है। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”पैरालंपिक में रजत पदक जीतने वाले प्रवीण कुमार पर गर्व है। यह पदक उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का नतीजा है. उन्हें बधाई. भविष्य के लिये उन्हें शुभकामनायें। ”
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