21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप मनाया जाता है।
सयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पास किया। जिसके बाद 177देशो के सदस्यों ने स्वीकार प्रधानमंत्री के द्वारा पास किए योग दिवस को मानने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई सयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि योग रत एक प्राचीन परम्परा है और अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। यह सिर्फ मनुष्य और प्रकृति के बीच सामजस्य, विचार, संयम और संतुष्टि प्रदान करने वाला व्यायाम नहीं बल्कि अपने भीतर एकता की भावना की दुनिया और प्रकृति की खोज का विषय है।
योग की शुरुआत,और जीवन में उसका महत्त्व।
संस्कृत धातु ‘यूज़’ से निकला है, जिसकी परिभाषा है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलान करना है। योग भारतीय ज्ञान की पांच हज़ार साल पुरानी शैली है। योग वास्तव में मनुष्य के मन और आत्मा की अंनत क्षमता का खुलासा करने वाले एक गहन विज्ञान का सबसे अहम् पहलु है।
योग का अर्थ सबसे विशाल है। योग विज्ञान ने जीवनशैली का पूर्ण सार आत्मसात किया है।
योग, धर्म,आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है….।योग जीवन शैली जीने की एक कला है। योग का ताल्लुक न किसी धर्म से है और ना ही सिर्फ शारीरिक अभ्यास तक सीमित है।
योग गहराई से भावनात्मक एवं आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है। योग का मतलब जोड़ना होता है हमारा मन बहुत चंचल स्वभाव का होता है जो हमेशा, भूत, भविष्य,अफ़सोस और गुस्से से चिंता ख़ुशी या दुःख के बीच में जूझता रहता है।
योग ही हमारे जीवन की चंचल विसमताओं को समता बनाये रखने में सक्षम है। योगासन प्रयास और विश्राम का संतुलन है। योगासन हमारे जीवन के हर पहलु में संचालन लाता है। योग हमें भौतिक से अध्यात्म और अध्यात्म से आत्मा और आत्मा से परात्मा और परात्मा से आत्मशांति की ओर ले जाता है।
योग शारीरिक अवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं निरोग बनता है और साथ ही हमारे विचारो को विकसित करता है।
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।
विश्व सुखी रहे, सभी स्वस्थ एवं निरोग्य रहे। कभी कोई व्यक्ति किसी भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में विश्व में सभी को शुभकामनाएं।