पिछले 60 घंटे से लगातार जीएसटी की विजिलेंस टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है।टीम के अफसरों को नींद लेना मुश्किल हो रहा है।इस दौरान अफसरों को आंख झपकाने की भी फुर्सत नहीं मिल रही है।आपको बता दें कि पीयूष जैन के घर से देर रात तक चहल पहल की आवाज बाहर आती है।यह साफ है कि सर्च ऑपरेशन में जुटे अफसर सो नहीं पा रहे हैं।इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर और कारोबारी ठिकाने पर खजाने की तलाश में जुटी जीएसटी की विजिलेंस की टीम शुक्रवार की दोपहर ही यहां आ गइ थी।
आपको बता दें कि विजिलेंस टीम का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।ताला खुलवाने से लेकर दस्तावेजों की पड़ताल करने वाले लोग लगातार काम कर रहे हैं। टीम के अफसर लगातार अपने-अपने काम में लगे हुए हैं।विजिलेंस टीम के साथ ही उनकी मदद में शामिल यहां के लोकल पुलिसकर्मी भी शामिल हुए हैं। तब से पुलिसकर्मी भी लगातार उनके ही साथ हैं।इस दौरान जरूरी काम से बाहर आने वाले पुलिसकर्मी कहते हैं कि वह तो कुर्सी पर बैठकर नींद ले लेते हैं, लेकिन विजिलेंस टीम के सदस्य लगातार काम कर रहे हैं और रात होने पर जरूर कोई सदस्य थोड़ी देर के लिए ब्रेक ले लेता है,लेकिन वह तब भी काम से मुंह नहीं मोड़ता है।कहा -पहले दिन तो सिर्फ 12 अफसर ही टीम में शामिल थे।अब हर रोज इसकी संख्या बढ़ रही है।
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बोतल लेने के लिए निकलते हैं पुलिस के जवान
गौरतलब है कि जीएसटी की विजिलेंस टीम के साथ कोतवाली पुलिस के कई जवान भी पीयूष जैन के घर में मौजूद हैं।वह जवान जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलते हैं और उन्हें ज्यादातर पीयूष जैन के बेटों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना तथा वापस लाना होता है।इसके साथ हीअंदर मौजूद लोगों के लिए लंच और पीने की पानी की बोतल लाना उनकी रूटीन में शामिल है और उन्हें किसी से भी बात करने की इजाजत नहीं है।
अपने ही घर में मेहमान बने हैं पीयूष के बेटे
बता दें कि पिछले तीन दिनों से पीयूष जैन के बेटे प्रत्यूष और मोलू अपने ही घर में मेहमान बने हुए हैं।न तो वह अपनी मर्जी से एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं न ही उन्हें बिना मर्जी के टॉयलेट जाने की इजाजत है।बता दें कि जांच के बाद ही उन्हें राहत मिल सकती है।वहीं देर रात में उन्हें जरूर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में सोने की इजाजत मिलती है। लेकिन बाहर निकलने पर उनकी आंखों से पता चलता है नींद उनसे भी कोसों दूर है।बता दें कि टीम के सदस्यों के इशारों पर ही वह लगातार मकान के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की तरफ जा रहे हैं।टीम के सदस्य अपनी जांच के अनुसार जब चाहते हैं,जिधर चाहते हैं, उधर ले जाते हैं।उन्हें किसी से भी बात करने की इजाजत भी नहीं है। अपने मकान से बाहर निकलने पर वह मौजूद लोगों से भी नजर चुराते दिखते हैं। जब तक जांच पूरी नहीं जाती है, तब तक वह इसी तरह विजिलेंस टीम के ही इशारे को मानेंगे।