Breaking News
Home / ताजा खबर / जानें ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान कब और क्यों बना ? क्या है इसके पीछे की कहानी ?

जानें ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान कब और क्यों बना ? क्या है इसके पीछे की कहानी ?

News Desk

जैसा की हम सभी जानते हैं कि भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ है लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान क्या होता है? ये कैसे बना क्यों बना और क्या है इसके पीछे की कहानी ?

राष्ट्रगान एक ऐसा गाना होता जो किसी भी देश के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है। ये देश को एक अलग पहचान देता है राष्ट्रगान ऐसे ही कोई भी गाना नहीं बन सकता, जब तक सरकार उस गाने को स्वीकार कर बतौर अधिनियम पारित नहीं करती, तब तक वह गाना राष्ट्रगान के रूप में पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा द्वारा ‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था।

‘जन गण मन’ राष्ट्रगान को रविन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाली भाषा में लिखा था। आपकी जानकारी के लिए बता दें, राष्ट्रगान के गायन की अवधि मात्र 52 सेकेण्ड है, परन्तु कुछ अवसरों पर इसको संक्षिप्त में भी गाया जाता है, जिसमें केवल 20 सेकेण्ड ही लगते हैं। इस 20 सेकेण्ड के राष्ट्रगान में राष्ट्रगान की पहली और अंतिम पंक्तियों को ही गाया जाता है।

कहां गाया जाता है राष्ट्रगान:-

राष्ट्रगान गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर गया जाता है , इसके अलावा देश के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों में और अब तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान गया जाता है।

आखिर कब गाया गया था ‘जन गण मन’ 

क्या आप जानते है कि सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करती थी। 1905 में जब बंगाल विभाजन हुआ तो आम जनता एवं आंदोलनकारी बंग-भंग आंदोलन का विरोध करने लगे, तब अंग्रेजो ने कलकत्ता के बदले दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया।  धीरे-धीरे भारतीयों के दिलों में स्वतंत्रता की भावना जागृत होने लगी थी और तभी कलकत्ता के एक कोने में एक गीत “जन गण मन अधिनायक जय हे” का जन्म हुआ जिसे तत्कालीन कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने बंगाली में एक कविता के रूप में लिखा था।

इस गीत को पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन गाया गया था।  टैगोर की भतीजी, सरला देवी चौधरानी ने कुछ स्कूली छात्रों के साथ इस गीत को अपनी आवाज़ दी थी।

‘जन गण मन’ राष्ट्रगान बनाने के पीछे क्या कारण था?

जब 1911 में कलकत्ता से दिल्ली को राजधानी के रूप में स्थानांतरित किया गया तब दिल्ली दरबार का आयोजन हुआ था, जिसमें इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम को आमंत्रित किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनके स्वागत में एक गीत लिखने को कहा गया था। उस समय टैगोर परिवार के कई लोग ईस्ट इंडिया कंपनी में काम किया करते थे। इसलिए रवीन्द्रनाथ टैगोर से जब गीत लिखने को कहा तो उन्होंने बंगाली भाषा में‘जन गण मन’को एक कविता के रूप में लिखा था।

https://www.youtube.com/watch?v=n60XE_Za3lI

राष्ट्रगान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य 

– आज हम राष्ट्रगान को जिस लय में गाते हैं, उसे आंध्र प्रदेश के एक छोटे-से जिले मदनपिल्लै में संगीतबद्ध किया गया था.

– कानूनी तौर पर किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.

– Prevention of Insults to National Honour Act, 1971 की धारा-3 के तहत राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करने पर और इसका अपमान करने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है.

– ‘आमार सोनार बांग्ला’ जो कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान है, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही लिखा था और दुनिया के पहले ऐसे कवी बने जिन्होंने दो देशों का राष्ट्रगान लिखा.

राष्ट्रगान का संस्कृतनिष्ठ बांग्ला से हिंदी में अनुवाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने करवाया था. कैप्टन आबिद अली ने इसका हिन्दी में अनुवाद किया था और कैप्टन राम सिंह ने इसे संगीतबद्ध किया था।

About Ariba Naseem

https://news10india.com/

Check Also

Patna City में आग का कहर: चिंगारी से भड़की आग ने 8 स्थानों पर लाखों की संपत्ति को किया नष्ट !

Written By : Amisha Gupta Patna City में दिवाली के दौरान एक बड़ा अग्निकांड हुआ …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com