सेंट्रल डेस्क दीपक खाम्ब्रा :- यूरोपीय यूनियन प्रतिनिधिमंडल इस समय जम्मू कश्मीर के दौरे पर है.धरा 370 हटने के बाद कश्मीर का माहौल जानने आये प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को इस दल के दौरे को दो दिन पूर्ण होने बाद प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया रूबरू हुआ. इस दौरान सांसदों ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को भारत का आंतरिक मामला बताया और इसके लिए भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात बेहतर हो रहे है. लेकिन स्थानीय लोगों पर हो रहे हमले चिंता का विषय है, उन्होंने कल हुई 5 लोगों की हत्या को बेहद दर्दनाक बताया.
इससेे पहले मंगलवार को इस दल ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया, दल श्रीनगर भी गया और डल झील की यात्रा की यहां यूरोपीय यूनियन के दल ने अधिकारियों और आम लोगों से बातचीत की ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष पुलिस एवं सिविल अधिकारियों ने यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के एक शिष्टंडल को बताया कि लोग शांति के इच्छुक हैं लेकिन आतंकवादी गोलियां बरसाकर लगातार उन्हें डरा-धमका रहे हैं। विभिन्न यूरोपीय देशों के सांसदों से बातचीत के दौरान, डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण है और सुरक्षाबल कानून-व्यवस्था को प्रभावी तथा “सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह कि मानवीय तरीके” से निपट रहे हैं. उन्होंने यूरोपीय संघ के सांसदों को बताया कि पिछले 84 दिन में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है.
ये सांसद राज्य की जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने राज्य में स्थिति पर प्रतिनिधिमंडल को विस्तार से प्रस्तुति दी और उसके कुछ सदस्यों द्वारा उठाए गए प्रश्नों के जवाब दिए. जब ईयू के एक सांसद ने पूछा कि प्रशासन फर्जी खबरों से कैसे निपट रहा है तो पुलिस महानिरीक्षक एस पी पाणि ने कहा कि ‘फेक न्यूज’ के प्रसार पर लगाम लगाना इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के कारणों में से एक है. प्रधान सचिव एवं जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने सांसदों को हालिया स्थानीय निकाय चुनावों और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने का महत्व बताया. ईयू सांसदों की टीम ने नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और पार्षदों समेत अन्य लोक प्रतिनिधियों से भी बात की.
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