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अब इस समस्या पर साथ काम करेंगे भारत और अमेरिका

“संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सहित समान विचारधारा वाले देशों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के पाठ्यक्रम को आकार देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, क्योंकि प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए Google और Microsoft जैसे कई आईटी दिग्गजों को शामिल किया है कि इसका दुरुपयोग न हो और इसका उपयोग जनता की भलाई के लिए किया जा रहा हो।” यह विचार हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की वैज्ञानिक सलाहकार आरती प्रभाकर के।

शुक्रवार को आरती प्रभाकर ने एक साक्षात्कार के दौरान कई अहम बाते साझा की। आरती नेबताया कि राष्ट्रपति बाइडन एक कार्यकारी आदेश पर विचार कर रहे हैं, जो हमें लगता है कि वास्तव में एआई के नुकसान से निपटने की हमारी क्षमता को बढ़ा सकता है और इसे अच्छे के लिए उपयोग करना भी शुरू कर सकता है। आरती ने कहा मुझे लगता है कि जब हमारे वैश्विक नेता राष्ट्रपति बाइडन से मिलते हैं तो यह बात उनके दिमाग में बहुत ज्यादा होती है। प्रधानमंत्री मोदी और कई अन्य लोगों के साथ यही हुआ। राजकीय डिनर से लेकर लंच  और कांग्रेस को संबोधित करने तक पीएम मोदी ने बार-बार AI का जिक्र आया।

आरती प्रभाकर ने कहा कि पिछले महीने जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी, तब एआई चर्चा के महत्वपूर्ण विषयों में से एक था। गौरतलब हैं कि हाल ही में हुई प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान AI का मुद्दा जोर-शोर से उठा था। तब प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए मजाकिया अंदाज में कहा था कि एआई का मतलब अमेरिका और भारत है।

इसके अलावा आरती ने बताया कि हम जो काम कर रहे हैं, उसमें कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए उनके साथ काम करना शामिल है। आज इस पर कुछ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। हम कार्यकारी कार्रवाइयों पर भी काम कर रहे हैं, जिन्हें हम मौजूदा कानून के तहत ले सकते हैं।

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