सेंन्ट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय : लोकसभा चुनावों में अब लगभग 80 दिनों तक का समय हीं बचा हुआ है. ऐसे में एक ओर जहां चुनाव को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है तो वहीं राम मंदिर का मुद्दा भी गरमाने लगा है. एक ओर जहां संघ और अन्य हिन्दू संगठन राम मंदिर को लेकर सरकार से संसद में बिल लाने की बात कह रहे हैं तो वहीं पीएम मोदी ने इस पूरे मामले में कार्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही है. राम मंदिर को लेकर देश का मुड क्या है इसका भी एक सर्वे सामने आया है. इस सर्वे के अनुसार देश के करीब 69 प्रतिशत लोग अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं.
आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण को लेकर देश के एक राष्ट्रीय न्यूज चैंनल ने इस सर्वें को किया है. चैनल ने अपना ये सर्वें करीब 13 हजार लोंगों की राय पर पेश किया है. चैनल की माने तो उसने सीधे और साफ शब्दों में लोगों से पूछा है कि क्या अयोध्याा की विवादित जगह पर राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं? चैनल के इस सर्वें में जो बात सामने आई है वो राम मंदिर के बनाये जाने के पक्ष में है. मंगलवार को जारी किए गए इस सर्वे के अनुसार 69 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निमार्ण हो. वहीं 22 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में नहीं हैं. इस सर्वें में बताया गया है कि 09 प्रतिशत लोग ऐसे भी है जो इस मामले में कुछ भी नहीं बोलना चाहते.
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यह सर्वें ऐसे समय में आया है जब 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले को लेकर बेंच का गठन कर यह तय करेगी की राम मंदिर मुद्दे पर लगातार सुनवाई हो या ना हो. वहीं 30 जनवरी को कुंभ में भी साधु—संत एक बड़े महासभा का आयोजन करने जा रहे हैं. इस महासभा में राम मंदिर बनवाने और सरकार पर इसके लिए दबाव बनाने की कोशिशों को लेकर चर्चा होगी. ऐसे में इस सर्वे के आने के बाद जहां साधु—संतों का मनोबल बढ़ेगा वहीं सरकार पर भी दबाव बढ़ेगा. वहीं सत्ता धारी वीजेपी के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश हो सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने की कांग्रेस को ठहराया है जिम्मेदारी
हाल हीं में न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मामले को लेकर कांगेस पर आरोप लगाया था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस के वकिल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई नहीं होने देना चाहते हैं. वहीं उन्होंने यह भी साफ किया था कि कोर्ट के फैसले के बाद हीं सरकार इस मामले में कुछ कर सकती है.