सेंट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय । आजकल हर एक बात में कमी खोज कर पॉलिटिकल पार्टियां कोई न कोई मुद्दा बना ही दे रही है। पॉलिटिकल पार्टियों से चुनाव आयोग भी बचा नहीं है। इस बार चुनाव आयोग को ही लपेटे में लेते हुए कुछ नेताओं ने चुनावों की तारीखों के एलानों को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। कई नेताओं ने चुनाव आयोग से चुनाव की तारीखों के एलान में रमदान को लेकर ध्यान नहीं देने की बता कही है। बता दें कि इन नेताओं की बातों के बीच एआइएमआइएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने एक ऐसी बात कह दी है जिसे सुनकर आपको उन्हें सैल्यूट करने का दिल करेगा।
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रमदान में लोकसभा चुनाव की तारीखें पड़ने पर राजनीतिक बयानबाजी एक ओर जहां तेज हैं। इसे लेकर मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने रमजान के महीने में वोटिंग कराने को लेकर सवाल पूछते हुए बखेड़ा खड़ा कर दिया है। लेकिन इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ी बात कही है। अवैसी ने कहा कि इस मसले पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में चुनाव होना अच्छा है और मुसलमान इस महीने में ज्यादा वोट करेगा।
‘बिना वजह हो रहा विवाद’
ओवैसी ने इस मामले पर जारी बयानबाजी को बेतुका बताते हुए कहा कि वे रमदान में चुनाव का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि वह रमदान में रोजा भी रहेंगे और वोट डालने भी जाएंगे। AIMIM चीफ ने कहा, ‘रमजान से वोटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस पर राजनीति न की जाए। यह गैर जरूरी विवाद पैदा किया जा रहा है। आपको रमजान के बारे में क्या मालूम है?’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस मामले को लेकर राजनीति न करे।
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उन्होंने कहा, ‘चांद दिखने के बाद रमजान पांच मई से शुरू होगा। ईद चार या पांच जून में पड़ेगी। चुनाव आयोग को चुनावी प्रॉसेस तीन-चार जून से पहले खत्म कर लेना है। जाहिर है कि रमजान से पहले चुनावी प्रॉसेस खत्म नहीं किया जा सकता और ईद के बाद चुनाव हो नहीं सकते। यह बात हर किसी को समझने की जरूरत है। बिना वजह इस पर राजनीति न की जाए।’ अवैसी ने आगे सवाल पूछते हुए कहा कि ‘ क्या मुसलमान रोजा रहकर दिन में काम नहीं करते हैं? हम रोजा भी रहते हैं, दिन में काम भी करते हैं और रात में जाकर नमाज भी पढ़ते हैं। ये लोग हमको हमारे ईमान को लेकर सवाल न उठाएं।’
‘दबाकर पड़ेगा वोट’
ओवैसी ने कहा, ‘रमजान में तो चुनाव होना और अच्छी बात है। हमें लंच-वंच पकाने की जरूरत नहीं है। घरों में सब फ्री रहेंगे। सब निकलकर वोट डालने जाएंगे और दबाकर वोट डालेंगे। यह महीना गुनाहों को खत्म करने का महीना होता है। जो हुकूमत गलत है उसके खिलाफ मुसलमान वोट करेगा।’
चुनाव आयोग दे चुका है सफाई
बताते चलें कि रमदान को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच चुनाव आयोग ने आज फिर अपनी ओर से स्पष्ट्रीकरण पेश किया है। चुनाव आयोग के अध्यक्ष सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनावों के दौरान त्योहारों का खास ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि त्योहार के मुक्ष्य दिनो और शुक्रवार को चुनाव के दिन नहीं हो इसका हमने ख्याल रखा है। चुनाव आयोग ने कहा कि वो पूरे महीने चुनाव नहीं कराने का फैसला नहीं ले सकती है।