सेन्ट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय : पुलवामा अटैक के बाद से ही पूरा देश गुस्से में है। देश के लोग पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है। वहीं इसी बीच देश की नरेंन्द्र मोदी सरकार ने भी कड़ा एक्शान लिया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने पड़ोसी मुल्क को कड़ी चेतावनी देतें हुए कहा कि उसके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। वहीं आज सीसीएस की बैठक में भी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उसे भारत के मोस्ट फेवर्ड नेशन की कैटोगरी से बाहर कर दिया है।
आज सुबह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक को यह निर्णय लिया गया कि सरकार पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन कैटोगरी से बाहर कर दिया जाए। सरकार ने यह कड़ा कदम उठाते हुए अब पाकिस्तान को अपने मोस्ट फेवरेबल नेशन मानने से इंकार कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एमएफएन यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन होता क्या है? इससे किसी देश को क्या फायदा होता है?
क्या होता है मोस्ट फेवर्ड नेशन
तो चलिए हम आपको बताते हैं कि मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी ‘मुख्य तरजीही राष्ट्र’ का मतलब क्या होता है। दरअसल विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर दो देश द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों में एक दूसरे को सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा देते हैं। एमएफएन के नियमों के अनुसार कोई भी देश विभिन्न देशों के बीच व्यापार संबंधी समझौतों में भेदभाव नहीं कर सकता।
Arun Jaitley: The 'most favoured nation' status which was granted to Pakistan, stands withdrawn https://t.co/OKHXS69Ukq
— ANI (@ANI) February 15, 2019
यानी केवल व्यापार में अगर कोई देश जिसे ये दर्जा मिला हो वो किसी दूसरे देश की तुलना में घाटे में नही रहेगा। जब किसी देश को यह दर्जा दिया जाता है तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह शुल्कों में कटौती करेगा। इसके अलावा उन दोनों देशों के बीच कई वस्तुओं का आयात और निर्यात भी बिना किसी शुल्क के होता है।
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा सन 1996 में दिया था। लेनिक गौर करनेवाली बड़ऋी बात यह है कि पाकिस्तान ने आज तक भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन नहीं माना है।
एमएफएन का दर्जा मिलने से क्या हैं लाभ?
अगर कोई देश किसी दूसरे देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देता है तो वा देश अपने उस सहयोंगी देश को व्यापार के मामलों में सबसे अधिक तरहीज देगा। अगर कोई देश अपने मित्र देश को ये दर्जा देता है तो उस देश को आयात-निर्यात में विशेष छूट मिलती है। इसमें दर्जा पाने वाला देश सबसे कम आयात शुल्क पर कारोबार करता है।
कब वापस लिया MFN का दर्जा?
WTO यानी विश्व व्यपार संगठन के आर्टिकल 21बी के की माने तो कोई भी देश दूसरे देश से तब मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले सकता है जब दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विवाद उठ गया हो। हालांकि इसके लिए तमाम शर्तें पूरी करनी होती हैं।