ज्योति की रिपोर्ट
देश में हाल ही में पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में प्रमुख मुद्दे किसानों की समस्याएं रहीं. लोकसभा चुनाव में भी किसानों से जुड़ी समस्याएं ही मुख्य मुद्दा रहेंगी, ये साफ नजर आ रहा है. और अब लोकसभा चुनाव की आहट ने देश भर के राजनीतिक दलों को तो सक्रीय कर ही दिया है साथ ही कई राजनेताओं के भी सुरों को बुलंद कर दिया है.
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार घेरते आ रहे हैं. इससे भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है. लेकिन भाजपा की मुश्किल उस वक्त ज्यादा बढ़ गई जब पार्टी के ही नेता वरुण गांधी ने किसानों के मुद्दों को लेकर राहुल गांधी का पक्ष लिया.
Varun Gandhi, BJP: Only 17% of all money that has been paid out to the top 100 industrial families of India from 1952 to 2019, has been paid to every single farmer, centre & state together, in this country. If there is not a more shameful statistic,I don’t know what it is.(06.01) pic.twitter.com/lMpyJKr1eW
— ANI (@ANI) January 7, 2019
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि 1952 से लेकर अब तक देश के 100 उद्योगपतियों को सरकार से जितनी आर्थिक मदद दी गई है, उसके मुकाबले किसानों को उसका 17% ही दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसानों को ज्यादातर योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. वरुण गांधी ने ये बात इंडिया डायलॉग कार्यक्रम के दौरान कही.
वरुण ने आगे कहा, “हमें ये सोचना होगा कि देश के आखिरी आदमी तक लाभ को कैसे पहुंचाया जाए. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास के लिए गांव को गोद लीजिए, हमने वो भी किया है. लेकिन देखा है कि चाहे आप सड़क बनाएं, पुलिया बनाएंया फिर सोलर पैनल लगवाएं, तब भी लोगों की आर्थिक स्थिति नहीं बदलती है. स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में भी बदलाव नहीं होता है. ऐसे में वरुण का राहुल की बातों को समर्थन देना आने वाले चुनाव में बड़ा संकेत है. ये संकेत न सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि भाजपा के लिए काफी अहम है.