भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर को लेकर उठाया कदम। मोदी जी ने कहा सोमनाथ मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है।
साथ ही उन्होंने नई योजनाओं पर की बातचीत। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मोदी जी ने सोमनाथ ‘समुद्र दर्शन’ पैदल पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और नवीनकृत अहिल्याबाई होलकर मंदिर के उद्घाटन समारोह को किया संपन्न। साथ ही श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी और कहा कि पार्वती मंदिर श्वेत पत्थरों से बनाया जाएगा और जिसकी ऊंचाई 71 फीट तय की गई है।
उद्घाटन के दौरान सभी मंदिरों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सावन के महीने में यह एक बड़ी शुरुआत हुई है। उनका कहना था कि आस्था को आंतक से कुचला नहीं जा सकता, सोमनाथ मंदिर हमारे विश्वास का प्रेरणास्थल है। सोमनाथ मंदिर का अस्तित्व मिटाने की कई बार कोशिश हुई, मंदिर जितनी बार गिराया गया उतनी ही बार खड़ा हुआ। आतंक ज्यादा दिनों तक मानवता को नहीं गिरा सकता है। आतंक का अस्तित्व स्थायी नहीं हो सकता है। दुनिया आज भी आतंक की विचारधारा से पीड़ित है। अतीत के खंडहरों पर आधुनिक गौरव का निर्माण हुआ है। समृद्ध भारत का प्रतीक है सोमनाथ मंदिर। पीएम ने कहा कि देश का मूल भाव है सबका साथ, सबका विकास।
इस समारोह के शुरुआत में मोदी जी ने सरदार पटेल के कामों पर चर्चा की उनका कहना था कि सोमनाथ मंदिर को भव्यता देने का काम जारी है। धार्मिक पर्यटन से राजस्व में इजाफा होगा। साथ ही इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
गुजरात के सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में मोदी जी के अलावा राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री ही सोमनाथ मंदिर के विकास की शुरुआत की थी, आज ऑनलाइन के जरिए लोग इस मंदिर का दर्शन कर रहे हैं। शाह ने कहा कि इस मंदिर पर कई बार हमले हुए, लेकिन हर बार यह मंदिर खड़ा हुआ।
अहिल्याबाई होलकर मंदिर के लिए 3.5 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है तो दूसरी ओर समुंद्र पैदल पथ के लिए 47 करोड़ की लागत तय की गई है।