दुनिया की दो सबसे बढ़ी अर्थव्यवस्था के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रहे टकराव के गहराई की आशंका है। अमेरिका ने चीन की ओर से अपनी मुद्रा युआन को डॉलर के मुकाबले सात के स्तर से नीचे रखने की अनुमति देने बाद यह कदम उठाया।
अमेरिकी वित्त विभाग की घोषणा में कहा, वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने राष्ट्रपति डोनॉल्ट ट्रंप निर्देश पर चीन का मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश निर्धारित किया मंत्रालय ने बयान में कहा था, चीन अनुचित व्यापार गतिविधियों और मुद्रा की विनियम दर में छेड़छाड़ करके अरबो डॉलर अमेरिका से लेता रहा है। उसका इरादा आगे भी जारी रखने का है यह एकतरफा है उसका इरादा इसे आगे भी जारी रखने का है। इसे कई साल पहले बंद हो जाना चाहिए था। ट्रंप ने 2016 में राष्टपति चुनावी अभियान के दौरान चीन को मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश ठहराने का वादा किया था। लेकिन वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाने से नामंजूरी देते हुए चीन को निगरानी सूची में डाल दिया। मुद्रा का अवमूल्यन का नुक्सान अमेरिका जैसे देशो को उठाना पड़ेगा। बरहाल चीन के इस फैसले के बाद उसकी मुद्रा करीब 11 साल के नीचे स्तर पर आ गई है।
written by- rishu tomar